logo-image

करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान कई मसलों पर माना, कई पर लटकाया

यह बातचीत ऐसे समय हो रही है, जब दोनों देशों के संबंध सामान्य गर्माहट से भी कोसों दूर हैं.

Updated on: 14 Jul 2019, 08:47 PM

highlights

  • भारत ने श्रद्धालुओं की संख्या समेत सुविधाओं पर की खुलकर बात.
  • यह भी कहा कि कॉरिडोर का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं हो.
  • पाकिस्तान ने 80 फीसदी बातों पर सैद्धांतिक सहमति जताई. 20 पर अगली बैठक में चर्चा.

नई दिल्ली.:

करतारपुर कॉरिडोर पर रविवार को पाकिस्तान से हुई बातचीत में भारत ने अपनी शंकाओं को खुलकर उठाया. खासकर करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल भारत विरोधी समूहों द्वारा किए जाने और पाकिस्तान की तरफ की करतारपुर सड़क के डूबने से लेकर श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर भी भारत ने अपना पक्ष स्पष्ट तौर पर रखा. इनमें से कुछ पर तो पाकिस्तान सैद्धांतिक रूप से सहमत था और कुछ पर उसने विचार करने का आश्वासन दिया. गौरतलब है कि यह बातचीत ऐसे समय हो रही है, जब दोनों देशों के संबंध सामान्य गर्माहट से भी कोसों दूर हैं.

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के फैसले का स्वागत किया है. पाकिस्तान ने सिख श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति देने के लिए अलग परमिट प्रणाली की हटाने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पासपोर्ट की माफी का भी अनुरोध किया गया है.

पाकिस्तान 80 फीसदी बातों पर सहमत
दो चरणों में हुई बातचीत में करतारपुर कॉरिडोर की आधारभूत संरचना समेत श्रद्धालुओं से जुड़ी सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की गई. दोनों देशों के 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बातचीत में डेरा बाबा नानक और उसके आसपास के इलाके के डूब क्षेत्र में आने पर भारत ने चिंता जाहिर की. भारतीय सदस्यों का कहना था कि डूब क्षेत्र में आने से यहां बाढ़ का खतरा हमेशा मंडराता रहेगा. इसके साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या और सुविधाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई. हालांकि पाकिस्तान ने विस्तार से चर्चा करने से इंकार करते हुए कहा कि हम 80 फीसदी बातों पर सहमत हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा अमन का पौधा हमने लगाया है. जरा मौसम तो बदला है, लेकिन पेड़ों की शाखों पर पत्ते आने में समय तो लगेगा.

यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान नहीं आ रहा बाज, अब करतारपुर कॉरिडोर बातचीत की आड़ में कर दिया खेल

श्रद्धालुओं की संख्या हर रोज 5 हजार
सूत्रों के मुताबिक भारतीय प्रतिनिधमंडल ने पाकिस्तान से अनुरोध किया कि वह गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए हर रोज वीजा मुक्त 5 हजार श्रद्धालुओं को आने-जाने की अनुमति प्रदान करे. इसके साथ ही सिख धर्म से जुड़े प्रमुख तीज-त्योहारों पर 10 हजार श्रद्धालुओं को आने-जाने की अनुमति दी जाए. इसके साथ ही भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय मूल के लोगों को भी करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल करने की अनुमति पाकिस्तान से देने को कहा. यानी पीपुल्स ऑफ इंडियन ऑरिजन कार्डधारियों को पाकिस्तान अपनी तरफ से आने की सुविधा दे.

यह भी पढ़ेंः अमेरिका पर टपकी नई आफत, रात को हो गई अचानक न्यूयॉर्क की बिजली गुल

पाकिस्तान तेजी से निपटाए अपने हिस्से के काम
करतारपुर कॉरिडोर की आधारभूत संरचना से जुड़े मसलों पर भारत-पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल ने निर्माणाधीन पुल पर भी चर्चा की. भारत का कहना था कि पाकिस्तान सरकार युद्धस्तर पर अपनी तरफ से पुल का निर्माण कराए ताकि बाढ़ जैसी स्थितियों में भी आवागमन प्रभावित नहीं हो. भारत की इस मांग पर पाकिस्तान ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है. इस पर भारत ने यह संकेत दिया है कि वह अपनी तरफ के कॉरिडोर को नवंबर तक पूरा कर लेगा ताकि गुरु नानक देवजी की 550 वीं जयंती पर श्रद्धालुओं को आवागमन में कोई दिक्कत नहीं हो.

यह भी पढ़ेंः अब मंदिर और चर्चों का 'मार्गदर्शन' करेगी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी

पाकिस्तान ने करतारपुर को शांति का गलियारा करार दिया
करतारपुर कॉरिडोर पर बातचीत के खात्मे पर पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे डॉ फैजल ने कहा कि अस्सी फीसदी बातों पर पाकिस्तान सहमत है. शेष 20 फीसदी मसलों पर अगली बैठक में चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा, 'हमारी ख्वाहिश यह है कि स्पेसिफिक डिटेल्स तब शेयर की जाएं जब एग्रीमेंट हो.' श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर भारत के आग्रह पर डॉ फैसल ने कहा, 'हम संख्या में बात नहीं कर रहे हैं. जितनी जगह होगी उतने लोग वहां जा सकेंगे. एक डोजियर भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने दिया है, लेकिन हमने भी 13 सूत्रीय डोजियर सौंपा है. इसपर भारत ने कोई चर्चा नहीं की है. हम इसे शांति का गलियारा मान कर चल रहे हैं.'

यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान की चाल बेकार, अफगान सीमा पर शिफ्ट किए गए आतंकी शिविर हमलावर ड्रोन की जद में

भारत ने अपनी शंकाओं-आशंकाओं से कराया अवगत
इधर दोनों पक्षों की बातचीत के बाद संयुक्त सचिव एससीएल दास ने कहा हमने कॉरिडोर खासकर डूब क्षेत्र में आने वाली बाढ़ पर अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत करा दिया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के 'नगर कीर्तन' के प्रस्ताव से भी उन्हें अवगत करा दिया है. एससीएल दास ने यह भी कहा कि भारत करतारपुर कॉरिडोर से जुड़ी अपनी राष्ट्रीय चिंताओं से भी पाकिस्तान को अवगत करा दिया है. इसका भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होने सके से जुड़ी बातों को भारत ने साफ-साफ शब्दों में पाकिस्तान के समक्ष रखा है. इस पर पाकिस्तान ने हमें आश्वस्त किया है.