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पुलवामा के 75 दिन बाद जानें कहां है आतंक का आका मसूद अजहर

इस्लामाबाद में सुरक्षित है आतंक का आका मसूद अजहर, Air Strike के बाद से है नजरबंद

Updated on: 01 May 2019, 07:41 PM

नई दिल्‍ली:

मुंबई हमले से लेकर पुलवामा हमले तक में मसूद अजहर का नाम मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर आता है. बालाकोट में जब आतंकी शिविरों भारतीय वायुसेना ने Air Strike किया था तो यह खबर आई थी कि आतंकी मसूद अजहर हमले में मारा गया. लेकिन उस समय किसी आधिकारिक सूत्र ने इसकी पुष्टि नहीं की. अब सरकारी सूत्रों के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को बहावलपुर में मरकज़ सुभान अल्लाह में रखा गया, बालाकोट हमला (26.02.2019) और हाल ही में इस्लामाबाद में एक सुरक्षित घर में स्थानांतरित कर दिया गया है. 

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बालाकोट के बाद मसूद अजहर के भाई मौलाना अम्मार का एक वीडियो आया, जिसमें उसे यह स्वीकार करते हुए सुना गया कि बालाकोट शिविर पर हमला हुआ है. यह वीडियो हवाई हमले के बाद पेशावर में हुई एक जनसभा का बताया जा रहा है.इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी टीवी पर मान चुके थे कि मसूद अजहर पाकिस्तान में है और वह बीमार है. इस्लामाबाद से आई एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि जैश का संस्थापक पाकिस्तान के एक अस्पताल में इलाज करा रहा है.

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मसूद अजहर, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया है. वो खुद को धार्मिक गुरु और मौलाना बताता है. पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला मसूद एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखता है. उसके पिता सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक थे. उसने कराची के जामिया उलूम-ए-इस्लामी से तालीम ली. पढ़ाई पूरी करने के बाद वो इसी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगा. उसने कुछ किताबें भी लिखीं और एक धार्मिक मैग्जीन का संपादक भी रहा.

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अल कायदा और तालिबान के संपर्क में आने के बाद उसने आंतकवाद प्रभावित कई अफ्रीकी देशों की यात्रा की. मसूद ने गुलाम कश्मीर में अपने ट्रेनिंग कैंप शुरू कर जिहादियों को ट्रेनिंग दी. पाकिस्तान के बहावलपुर और दूसरी कई जगहों पर उसके मदरसे भी चलते हैं. 1994 में अजहर श्रीनगर आया और उसे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जेल में बंद कर दिया गया.

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अजहर को जेल से छुड़वाने के लिए 1995 में छह विदेशी पर्यटकों का अपहरण कर लिया गया और अजहर की रिहाई की मांग भारत सरकार से की गई. ऐसा न करने पर पांच पर्यटकों को मार दिया और एक पर्यटक आतंकियों के कब्जे से भाग निकला. 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को हाइजैक कर लिया गया. इसमें 155 यात्री सवार थे. इसके बदले अजहर मसूद को रिहा करवा लिया गया. रिहा होने के बाद से ही अजहर लगातार भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों में सक्रिय रहने लगा.