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मालदीव की जमीन पर चीन के कब्जे से भारत-अमेरिका चिंतित

आयरलैंड से घिरे देश मालदीव के जमीन पर चीन के कब्जा करने की नीयत से अमेरिका बेहद चिंतित है।

Updated on: 07 Apr 2018, 02:46 PM

नई दिल्ली:

आयरलैंड से घिरे देश मालदीव के जमीन पर चीन के कब्जा करने की नीयत से अमेरिका बेहद चिंतित है।

पेंटागन की तरफ से कहा गया है कि अमेरिका स्वतंत्र और मुक्त इंडो प्रशांत महासागर आधारित नियम को लागू करने के लिए कटिबद्ध है और इसके अलावा कुछ भी हमारे लिए चिंता का विषय है।

अमेरिका में दक्षिण और दक्षिणी एशिया क्षेत्र के रक्षा सचिव जोई फेल्टर ने न्यूज ऐजेंसी पीटीआई से कहा, 'यूएस इंडो प्रशांत महासागर आधारित नियम को लागू रखने के लिए प्रतिबद्ध है। मालदीव में चीन की बढ़ती दखलंदाजी और प्रभाव हमारे लिए चिंता की बात है।'

उन्होंने कहा, मालदीव भारत के पिछले हिस्से में स्थिति है इसलिए हम समझ सकते हैं कि भारत के लिए भी यह चिंता की बात है। इसलिए मालदीव में जो अभी हालात हैं वो हमारे लिए चिंता का विषय है।

पेंटागन के शीर्ष अधिकारी फेल्टर ने कहा, हम अभी देख रहे हैं यह किस तरफ जा रहा है लेकिन मालदीव हमारी राष्ट्रीय रक्षा रणनीति की प्राथमिकताओं में से एक है।

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फेल्टर ने यह बातें उस सवाल के जवाब में कही है जिसमें उनसे पूछा गया था कि मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री ने आरोप लगाया था कि चीन मालदीव की जमीन हथिया रहा है ताकि बाद में इसे सैन्य चौकी और दूसरे देशों पर नजर रखने के लिए विकसित कर सके।

फेल्टर ने कहा, 'मालदीव में जो हो रहा है वो उन सभी देशों के लिए चिंता की बात है और यूएस इस क्षेत्र में नियम और कानून आधारित व्यवस्था को बनाए रखने का पक्षधर हैं।

उन्होंने कहा अगर आप ऐसी ही गतिविधि पर नजर डालें तो इस पूरे क्षेत्र में ऐसी हरकत हो रही है जो चिंता का विषय है। जिबूती से लेकर ग्वादर पोर्ट, श्रीलंका के हंबनटोटा से लेकर मालदीव तक एक जैसी चीजें हो रही है जो भविष्य के लिए चिंता पैदा करती है।

फेल्टर ने कहा, भारत समेत इस क्षेत्र का हर देश इसपर अपनी चिंता व्यक्त कर चुका है।

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