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पीएम नरेंद्र मोदी के अजीज दोस्‍त बेंजामिन नेतन्याहू का टूट सकता दोबारा पीएम बनने का सपना

इजरायल में पांच महीने के अंदर दूसरी बार हुए संसदीय चुनाव में भी किसी दल को बहुमत नहीं मिला है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को मुख्य विपक्ष दल को 32-32 सीटें मिली हैं.

नई दिल्‍ली:

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के अजीज मित्र इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू (Benjamin Netanyahu)  को झटका लग सकता है. इजरायल में पांच महीने के अंदर दूसरी बार हुए संसदीय चुनाव में भी किसी दल को बहुमत नहीं मिला है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को मुख्य विपक्ष दल को 32-32 सीटें मिली हैं. इससे नेतन्याहू के पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों को झटका लग सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जब 17 सितंबर को अपना 69वां जन्‍मदिन मना रहे थे तो उनके अजीज दोस्‍त इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu)  चुनाव का सामना कर रहे थे. इजरायल में 120 सदस्यीय संसद के लिए चुनाव हुए थे.

अलजजीरा के मुताबिक, अभी तक जो आंकड़े सामने आए हैं उनमें बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की पार्टी लिकुड 32 सीटें और बेनी गैंट्ज (Benny Gantz)की पार्टी काहोन लोहान भी 32 सीटों पर चल रही है. जहां तक गठबंधन की बात है तो बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के गठबंधन को अभी तक रुझानों में 56 सीटें मिली हैं, जबकि बहुमत के लिए कुल 61 सीटों का आंकड़ा चाहिए.

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इजरायल में अप्रैल ही में ही आम चुनाव हुए थे, लेकिन बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) वहां के सदन में अपना बहुमत साबित नहीं कर सके इसी वजह से एक बार फिर चुनाव हुआ. इजरायल में 17 सितंबर को मतदान हुआ था और अब नतीजे सामने आ रहे हैं. हालांकि अभी तक आए एक्जिट पोल में मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के गठबंधन की हार दिखाई गई थी और विपक्षी पार्टियों को बढ़त.

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2009 से बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) इजरायल के प्रधानमंत्री हैं और फिलिस्तीन के प्रति अपनी आक्रामक नीति के लिए चर्चा में रहते हैं. बीते दिनों उन्होंने ऐलान किया था कि अगर वह फिर सत्ता में आते हैं तो वेस्ट बैंक-जॉर्डन हिल के हिस्सों पर कब्जा कर वहां पर यहूदी कॉलोनी बसाएंगे.

6 महीने में सरकार बनाने का दूसरा मौका

इस साल 9 अप्रैल को हुए आम चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने 120 में से 36 सीटों पर कब्जा किया. जो बेनी गैंट्ज (Benny Gantz)की ब्लू एंड वाइट पार्टी से एक अधिक थी. नेतन्याहू को सरकार बनाने के लिए जनादेश तो मिला, लेकिन गठबंधन की सरकार ज्यादा दिन नहीं चल पाई और उन्होंने मई में संसद को भंग करा दिया.