logo-image

ईरान ने मार गिराया अमेरिकी ड्रोन, बढ़ते तनाव के बीच कच्चे तेल में लगी आग

आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका ईरान पर हमला कर सकता है. यानी अगर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने रहते है तो कच्चे तेल की कीमतें 10 फीसदी तक बढ़ सकती हैं.

Updated on: 20 Jun 2019, 08:51 PM

highlights

  • ईरान ने अमेरिका का 18 करोड़ का शक्तिशाली ड्रोन मार गिराया.
  • अमेरिका ने दी है कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी.
  • कच्चे तेल के 10 फीसदी प्रति बैरल बढ़ सकते हैं दाम.

नई दिल्ली.:

ईरान द्वारा अमेरिका का एक शक्तिशाली ड्रोन मार गिराने के बाद वॉशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. इस खबर के बाद जैसा अपेक्षित था अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आग लग गई है. इस खबर के आम होने के कुछ ही मिनटों में कच्चे तेल की कीमतों में 3 फीसदी से ज्यादा उछाल आ गया. आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका ईरान पर हमला कर सकता है. यानी अगर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने रहते है तो कच्चे तेल की कीमतें 10 फीसदी तक बढ़ सकती हैं.

यह भी पढ़ेंः छत्तीसगढ : सुकमा जिले में नक्सलियों ने आग के हवाले की वन विभाग की गाड़ी

भारत में बढ़ सकते हैं 8 फीसदी तक दाम
अगर ऐसी स्थिति आती है, तो भारत के लिए कच्चा तेल खरीदना महंगा हो जाएगा. ऐसी स्थिति आने पर भारत में पेट्रोल-डीज़ल के दामों में भी आग लग जाएगी. भारतीय बाजार में पेट्रोल-डीज़ल के दामों में 8 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है. जाहिर है ऐसा होने से महंगाई तो बढ़ेगी ही आर्थिक विकास पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ेगा. यहां यह नहीं भूलना कि चीन और भारत तेहरान से कच्चा तेल लेने में काफी हद तक निर्भर हैं. इसमें भी भारत के बाद चीन कच्चे का तेल सबसे बड़ा खरीदार है. भारत इरान से हर रोज करीब 4.5 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदता है.

यह भी पढ़ेंः आंध्र प्रदेश में टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू को बड़ा झटका 4 राज्य सभा सांसद बीजेपी में हुए शामिल

18 करोड़ का ड्रोन मार गिराया तेहरान ने
गौरतलब है कि अमेरिका ने मीडिया रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि ईरान ने उसके 18 करोड़ डॉलर के शक्तिशाली जासूसी ड्रोन को गिरा दिया है. इसके फौरन बाद ईरान ने ऐलान कर दिया कि वह जंग के लिए पूरी तरह से तैयार है. जाहिर है खाड़ी क्षेत्र में बढ़ता तनाव पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है, क्योंकि यह खबर ऐसे समय में आई है जब हाल ही में एक रिपोर्ट में आशंका जताई गई थी कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव परमाणु युद्ध तक में तब्दील हो सकता है.