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जम्‍मू-कश्‍मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय बेइज्‍जती, भारत ने भी दिया करारा जवाब

ज्यादातर सदस्यों ने कश्मीर (Jammu-Kashmir) पर प्रस्ताव रखने के लिए पाकिस्‍तान (Pakistan) का समर्थन करने से इनकार कर दिया.

नई दिल्‍ली:

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में कश्मीर (Jammu-Kashmir) पर प्रस्ताव पेश करने के आखिरी दिन पाकिस्‍तान (Pakistan) को 16 देशों का समर्थन भी नहीं मिल पाया और इमरान खान के नए पाकिस्‍तान (Pakistan) की अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेइज्जत हो गई. सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर सदस्यों ने कश्मीर (Jammu-Kashmir) पर प्रस्ताव रखने के लिए पाकिस्‍तान (Pakistan) का समर्थन करने से इनकार कर दिया.

वहीं पाकिस्‍तान (Pakistan) के बाद UNHRC में भारत के स्थायी मिशन की सचिव कुमारम मिनी देवी ने पाकिस्‍तान (Pakistan) की पोल खोलते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर (Jammu-Kashmir) में हमारा निर्णय हमारे संप्रभु अधिकार के भीतर है और भारत का आंतरिक मामला है. हमारे फैसले को गलत बताने की पाकिस्‍तान (Pakistan) की कोई भी कोशिश अपनी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को छिपा नहीं सकती.

कुमारम मिनी देवी ने पाकिस्‍तान को लताड़ते हुए कहा कि मुझे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की चिंता है. यहां के नागरिकों के लापता होने के मामलों, हिरासत में बलात्कार, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की हत्या हो रही है. यहां पाकिस्‍तान की सरपरस्‍ती में आतंकी कैंप चल रहे हैं. पूरा पीओके इनके कब्‍जे में है. गिलगित-बाल्टिस्तान में जुल्‍म पर सरकार खामोश रहती है.

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इससे पहले पाकिस्‍तान (Pakistan) की UNHRC में बेइज्‍जती हो चुकी थी. दरअसल, कश्मीर (Jammu-Kashmir) पर प्रस्ताव पेश करने की आज आखिरी तारीख थी, लेकिन पाकिस्‍तान (Pakistan) ऐसा नहीं कर पाया. प्रस्ताव पेश करने के लिए कम से कम 16 देशों के समर्थन की जरूरत थी. दुनिया के अलग-अलग देशों के सामने जाकर कश्मीर (Jammu-Kashmir) का रोना रोने वाला पाकिस्‍तान (Pakistan) समर्थन जुटाने में नाकाम रहा. जिनेवा में UNHRC का 42 वां सत्र चल रहा है. इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया कि पाकिस्‍तान (Pakistan) न्यूनतम समर्थन जुटाने में भी नाकाम रहा.

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नियम के मुताबिक किसी भी देश के प्रस्ताव पर कार्रवाई करने से पहले न्यूनतम समर्थन की जरूरत होती है. पाकिस्‍तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद से जिनेवा के लिए रवाना होने से पहले कश्मीर (Jammu-Kashmir) पर प्रस्ताव का वादा किया था.