logo-image

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में पत्नी और मां से मिले कुलभूषण जाधव

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में कुलभूषण जाधव से उनकी पत्नी और मां ने मुलाकात की है। जाधव, भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर रखा है।

Updated on: 25 Dec 2017, 06:19 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में कुलभूषण जाधव से उनकी पत्नी और मां ने मुलाकात की है। जाधव, भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर रखा है।

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान भारत के उप-उच्चायुक्त जे पी सिंह और एक महिला पाक अधिकारी भी मौजूद थे।

टीवी फुटेज में जाधव की मां और पत्नी को पाकिस्तान विदेश विभाग में जाते हुए दिखाया गया है। हालांकि इस मुलाकात के तरीकों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में जाधव की पत्नी और मां से मुलाकात तो हुई, लेकिन उनके बीच शीशे की दीवार दिखाई दे रही है।

गौरतलब है कि आज जाधव का परिवार इस्लामाबाद पहुंचा और वहां से भारतीय उच्चायोग गए। इसके बाद पाकिस्तान के समयानुसार दोपहर करीब 1 बजे पाकिस्तनी विदेश विभाग जाकर कुलभूषण जाधव से मुलाकात की। 

पाक विदेश विभाग ने भी इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी।

जाधव को उनके परिवार के पहुंचने के पहले ही पाक विदेश विभाग लाया गया था। हालांकि इसका खुलासा नहीं किया गया है कि विदेश विभाग लाए जाने से पहले उन्हें कहा रखा गया था।

और पढ़ें: पाकिस्तान बोला, कुलभूषण जाधव को फांसी का खतरा नहीं

पाकिस्तान ने 10 नवंबर को 'मानवीय आधार पर' जाधव की पत्नी को उनसे (जाधव से ) मिलने की अनुमति दी थी। भारत ने पाकिस्तान से पत्नी के साथ मां को भी एक भारतीय राजनयिक के साथ जाधव से मिलने देने की अनुमति मांगी थी।

क्या है पाकिस्तान का दावा?

पाकिस्तान ने कहा था कि भारतीय नौसेना में अधिकारी रह चुके और कथित रूप से भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़े जाधव को ईरान से अवैध रूप से पाकिस्तान में घुसने के बाद तीन मार्च 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था।

पाकिस्तान के मुताबिक, जाधव ने पाकिस्तानी अदालत में स्वीकार किया था कि रॉ ने उन्हें वहां (पाकिस्तान) की जासूस करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाने का काम सौंपा था।

भारत ने जाधव के जासूस होने का आरोंपो को सिरे से खारिज किया और कहा कि ईरान से उनका अपहरण कर लिया गया था। नौसेना से रिटायर होने के बाद जाधव ईरान में व्यापार करते थे। 

जाधव को 10 अप्रैल को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) इस सजा पर रोक लगा चुका है।

इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से जाधव तक काउंसलर एक्सेस दिए जाने की मांग की थी।

और पढ़ें: जाकिर नाईक की दोबारा गिरफ्तारी की मांग करेगी एनआईए