फिर पाकिस्तान को कश्मीर पर पटखनी देगा भारत, UNHRC में कश्मीर राग छेड़ेगा पाकिस्तान
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. कश्मीर मसले (Kashmir Article 370) पर पाकिस्तान (Kangaal Pakistan) के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने तगड़ी व्यूह रचना कर रखी है.
highlights
- संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है.
- पाकिस्तान के अनुरोध पर सत्र में कश्मीर के कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर बहस संभव.
- भारत ने पाक के 'कश्मीर राग' रूपी ताबूत में आखिरी कील ठोंकने की रणनीति बनाई.
जिनेवा:
भारत एक बार फिर कंगाल पाकिस्तान (Kangaal Pakistan) को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पटखनी देने को तैयार है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. एक तरफ पाकिस्तान के अनुरोध पर सत्र में कश्मीर (Jammu Kashmir) पर बहस संभव है, तो इस 'घेराव' का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने भी जिनेवा में तगड़ी व्यूह रचना कर रखी है. इसके तहत यूएनएचआरसी के सभी 47 सदस्यों से निजी स्तर पर मिलकर उन्हें कश्मीर की स्थिति से अवगत कराया जा चुका है. जाहिर है पाकिस्तान को भारत ने फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर शिकस्त दे उसके 'कश्मीर राग' रूपी ताबूत में आखिरी कील ठोंकने की रणनीति बना रखी है.
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सोमवार से जिनेवा में शुरू हो रहा है UNHRC सत्र
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय नियम-कायदों के तहत अगर पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर कोई प्रस्ताव लाना है, तो उसे 19 सितंबर से पहले ऐसा करना होगा. इसी के तहत पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Quereshi) 9 से 27 सितंबर तक जिनेवा (Geneva) में होने वाले इस सत्र में भारत के खिलाफ पाकिस्तान का नेतृत्व करेंगे. जिनेवा और दिल्ली में मौजूद राजनयिकों और सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान दुनिया के सामने कश्मीर का दुष्प्रचार कर रहा है. इसी के साथ पाकिस्तान लगातार कोशिश कर रहा है कि किसी तरह कश्मीर में हिंसा (Violence Kashmir) फैलाई जा सके, जिससे दुनिया के सामने वह कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन अपनी बात रख सके.
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भारत ने बनाई पुख्ता व्यूह रचना
उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के कश्मीर पर दुष्प्रचार को ध्वस्त करने के लिए भारत अपनी व्यूह रचना (Strategy) को और मजबूती दे रहा है. इस क्रम में जिनेवा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और केंद्र सरकार यूरोप, अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका के कई देशों के संपर्क में हैं. सऊदी अरब, बहरीन और कतर के साथ भी भारत संपर्क कर रहा है. यूएनएचआरसी (UNHRC)में कश्मीर के मुद्दे पर वोटिंग के दौरान भारत गैर मौजूद सदस्य देशों की संख्या को कम से कम करना चाहता है. एक सूत्र के मुताबिक भारत को कश्मीर मसले पर अपने समर्थन को वोटों में तब्दील करने की जरूरत है. पाकिस्तान की तुलना में भारत के पास अधिक समर्थन है, लेकिन यह वोटों के तौर पर सामने आना चाहिए.
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चीन फिर देगा 'नापाक' पाकिस्तान का साथ
हालांकि यह भी सच है कि चीन (China) से इस मुद्दे पर भारत को समर्थन मिलना मुश्किल है. संयुक्त राष्ट्र के इस सत्र में कश्मीर पर बहस में चीन चिरपरिचित अंदाज में पाकिस्तान का पक्ष लेगा, लेकिन बदली परिस्थितयों में किसी विशेष प्रस्ताव पर वोट देने से वह भी बचना चाहेगा. कश्मीर पर बहस से पहले चीन से भी भारत बातचीत कर उसे समझाने की कोशिश करेगा. बताते हैं कि इस सत्र में जम्मू और कश्मीर में भारत के 'मानवाधिकारों के उल्लंघन' (Human Right Violation) पर पाकिस्तान बहस के लिए दबाव डालेगा. जिद्दी पाकिस्तान इससे पहले इस मुद्दे को पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में उठाने में नाकाम रहा था.
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भारत के 'यौद्धा' मोर्चे पर तैनात
यूएनएचआरसी में भारतीय प्रतिनिधिमंडल (Indian Delegation) की अगुवाई विदेश मंत्रालय की एक सचिव कर रही हैं. प्रतिनिधिमंडल की सहायता अजय बिसारिया करेंगे, जो हाल तक पाकिस्तान में भारत के राजदूत थे. घरेलू मोर्चे पर पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर पर किसी भी दुष्प्रचार को कड़ा जवाब देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल डटे हैं.एनएसए अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने कश्मीर में आंतरिक स्थिति को संभाला रखा है. मकसद यही है कि वहां शांति बनाए रख पाकिस्तान के झूठ को हमेशा के लिए नेस्तनाबूद किया जा सके.
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