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पाकिस्तान की इस महिला एसएचओ से भारत को भी सीखने की जरूरत

कुलसूम जिले की पहली महिला एसएचओ हैं. दो महीने की छोटी सी अवधि में ही उन्होंने अपने लगन और जोश से असाधारण प्रदर्शन कर दिखाया है.

Updated on: 04 Aug 2019, 01:59 PM

highlights

  • दो महीने में ही यौन शोषण के 200 मामलों की जांच कर डाली.
  • पाकपट्ट्न की पहली महिला एसएचओ हैं कुलसूम फातिमा.
  • नाबालिगों का यौन शोषण हमेशा से करता रहा उद्वेलित.

इस्लामाबाद.:

दो महीने पहले ही पाकपट्टन की महिला स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) के तौर पर पदभार ग्रहण करने वाली युवा सब-इंस्पेक्टर कुलसूम फातिमा के काम की काफी प्रशंसा हो रही है, जिन्होंने मात्र दो महीनों में ही दुष्कर्म और यौन शोषण के 200 मामलों की जांच की है. कुलसूम जिले की पहली महिला एसएचओ हैं. दो महीने की छोटी सी अवधि में ही उन्होंने अपने लगन और जोश से असाधारण प्रदर्शन कर दिखाया है.

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बच्चियों का यौन उत्पीड़न करता रहा उद्वेलित
हाल ही में उन्होंने बीबीसी को साक्षात्कार दिया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि नाबालिग लड़कियों के साथ होने वाले यौन शोषण की घटनाएं उन्हें हमेशा से क्रोधित करती रही हैं, लेकिन वह उस समय कुछ करने में असमर्थ थीं. कुलसूम ने साक्षात्कार में कहा, "मैं एक दिन ऐसे पद पर होने की आशा करती थी, जहां मैं इन छोटी बच्चियों के लिए कुछ कर सकूं. प्रतियोगी परीक्षा पास करने के बाद जब मुझे पंजाब पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया तब मुझे उनके लिए कुछ करने का मौका मिला."

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नई जिम्मेदारी से मिली संतुष्टि
इस महिला एसएचओ को नाबालिग व महिला संबंधित मामलों को सौंपा गया है. उनका कहना है कि वह उन कर्तव्यों को निभाकर खुश हैं, जिसे निभाने की चाहत उन्हें हमेशा से थी. कुलसूम को मॉडल पुलिस स्टेशन दलोरियां में एसएचओ के तौर पर नियुक्त करने वाले पाकपट्टन के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) इबादत निसार का कहना है कि पाकपट्टन पुलिस में महिला अफसरों की नियुक्ति, लोगों को न्याय दिलाने में मदद करेगी.