पाकिस्तान से यारी मलेशिया को पड़ी भारी, मोदी सरकार ने ऐसे दिया झटका
दिसंबर में नए नागरिकता कानून (CAA) के विरोध प्रदर्शनों के मौके पर एक बार फिर महातिर ने भारत के खिलाफ जहर उगला था.
नई दिल्ली:
मलेशिया को पाकिस्तान से यारी महंगी पड़ गई. मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद भारत की कड़ी आलोचना की थी. महातिर मोहम्मद ने कहा था कि भारत ने कश्मीर पर हमला कर उसे अपने कब्जे में रखा है. वहीं दिसंबर में नए नागरिकता कानून (CAA) के विरोध प्रदर्शनों के मौके पर एक बार फिर महातिर ने भारत के खिलाफ जहर उगला था. उन्होने कहा था कि भारत सरकार अशांति को बढ़ावा दे रही है. उनके इस तरह की बयान बाजियों के बाद भारत ने भी मलेशिया को जोरदार झटका दिया है.
भारत खाने वाले तेल का सबसे बड़ा आयातक देश है. आपको बता दें कि भारत में हर साल 90 लाख टन पाम तेल आयात होता और सबसे ज्यादा पाम ऑयल भारत मलेशिया से मंगवाता है. आपको बता दें कि दुनिया में पाम ऑयल के सबसे बड़े निर्यातक इंडोनेशिया और मलेशिया हैं. लेकिन अब मलेशिया की भारत विरोधी गतिविधियों के चलते दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ गए हैं. जिसका प्रमुख कारण पिछले दिनों मलेशिया का पाकिस्तान प्रेम, जिसे दिखाते हुए मलेशिया ने जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने का विरोध किया था.
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मलेशिया द्वारा जम्मू-कश्मीर पर दिया गया भारत विरोधी बयान ही इन दोनों देशों के बीच कटुता का कारण बना. जिसके बदले भारतीय व्यापारियों ने मलेशिया को सबक सिखाने के लिए मलेशिया से पाम ऑयल की खरीददारी कम कर दी. आपको बता दें कि भारत और मलेशिया के बीच बड़े पैमाने पर व्यापार होता है. साल 2019 में मलेशिया के पाम तेल का भारत सबसे बड़ा खरीदार था. पिछले साल भारत ने मलेशिया से 40.4 लाख टन पाम तेल खरीदा था. भारत में खाने में इस्तेमाल किए जाने वाले तेलों में पाम तेल का हिस्सा दो तिहाई है.
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मलेशिया पर भारत सरकार कोई एक्शन लेती उसके पहले ही भारतीय कारोबारियों ने मलेशिया को जोरदार झटके देने शुरू कर दिए. भारतीय व्यापारियों ने पाम ऑयल के लिए इंडोनेशिया का रुख करना शुरू कर दिया. भारतीय व्यापारियों के इस रुख को देखते हुए मलेशिया की बेचैनी बढ़ गई. लेकिन मलेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद का पिछले दिनों फिर एक बयान आया था कि वे जम्मू-कश्मीर पर दिए बयान पर आज भी कायम हैं.
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