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इस देश में 80 फीसदी कामकाजी लोग कार्यस्थल पर होते हैं बीमार, जानिए क्या है वजह

इसमें यह भी पाया गया कि 47 फीसदी प्रतिभागियों ने बताया कि पिछले 12 महीनों में उन्हें काम के दौरान संकटपूर्ण या दर्दनाक स्थितियों का सामना करना पड़ा

Updated on: 12 Aug 2019, 11:37 PM

highlights

  • 80 फीसदी लोग कार्यस्थल पर हो रहे बीमार
  •  'वर्क शुडन्ड हर्ट' नाम के इस सर्वेक्षण में खुलासा
  • इनमें से ज्यादातर बीमारियों को रोका जा सकता है

नई दिल्ली:

ऑस्ट्रेलिया में पांच में चार कामकाजी लोग असुरक्षित कामकाजी प्रथा के माहौल में हैं और वे इसके कारण घायल हो रहे हैं, बीमार हो रहे हैं या फिर काम पर दर्दनाक स्थितियों के कारण दोनों से पीड़ित हो जा रहे हैं. एक सर्वेक्षण से यह खुलासा हुआ है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया कि 'वर्क शुडन्ड हर्ट' नाम के इस सर्वेक्षण को ऑस्ट्रेलियन काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एसीटीयू) ने सोमवार को जारी किया, जिसमें 26,000 कामगारों का सर्वेक्षण किया गया. इस सर्वेक्षण से खुलासा होता है कि करीब 80 फीसदी कामकाजी लोग अपने काम के कारण घायल, बीमार या दोनों हैं, जबकि 16 फीसदी किसी ऐसे आदमी को जानते थे, जिसकी काम के दौरान मौत हो गई, या फिर काम से जुड़ी बीमारियों के कारण मौत हो गई. 

इसमें यह भी पाया गया कि 47 फीसदी प्रतिभागियों ने बताया कि पिछले 12 महीनों में उन्हें काम के दौरान संकटपूर्ण या दर्दनाक स्थितियों का सामना करना पड़ा और 31 फीसदी ने कहा कि उन्हें सहकर्मियों, क्लाइंट्स या ग्राहकों द्वारा गाली दी गई, धमकी दी गई या मारपीट की गई. पांच में से तीन कामगारों ने कहा कि पिछले 12 महीनों से वे खराब मानसिक स्वास्थ्य का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उनका नियोक्ता असुरक्षित कामकाजी स्थितियों को सुधारने में असफल है.

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एसीटीयू के सहायक सचिव लियाम ओब्रायन ने फेयरफैक्स मीडिया को सोमवार को बताया कि चोट लगने या मानसिक स्वास्थ्य खराब होने की घटनाओं से 'पूरी तरह से बचा जा सकता' था. उन्होंने कहा, "काम पर किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए - चाहे वह मानसिक रूप से हो या शारीरिक रूप से हो." उन्होंने आगे कहा, "वर्क शुडन्ट हर्ट सर्वेक्षण से पता चलता है कि बहुत सारे कामकाजी लोग काम पर हिंसा, प्रताड़ना और खराब कामकाजी स्थितियों का सामना कर रहे हैं जबकि इसमें से ज्यादातर को रोका जा सकता है."

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