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पाकिस्तान के PM इमरान खान ने दिखाया दम, कहा- हमारे धैर्य को कमजोरी न समझे ...

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर किसी भी प्रकार का समझौता करने की संभावना से इंकार कर दिया है.

Updated on: 05 Nov 2019, 11:18 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर किसी भी प्रकार का समझौता करने की संभावना से इंकार करते हुए कहा है कि उनकी सरकार किसी समझौते का हिस्सा नहीं है. प्रधानमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि वह विपक्षी राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) का लाभ नहीं मुहैया कराएंगे.

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प्रधानमंत्री ने यह बात सोमवार देर शाम इस्लामाबाद में अपनी पार्टी के संसदीय दल और सहयोगी दलों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. उल्लेखनीय है कि एनआरओ एक विवादास्पद अध्यादेश है, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने पांच अक्टूबर, 2007 को जारी किया था. इस अध्यादेश का उद्देश्य भ्रष्टाचार, गबन, धनशोधन और हत्या के आरोपी राजनीतिज्ञों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं को माफी देना था, लेकिन पाकिस्तानी सर्वोच्च न्यायालय ने 16 दिसंबर, 2009 को इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया था.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्ष को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे धैर्य को हमारी कमजोरी न समझा जाए. विपक्षी दलों का कोई असंवैधानिक कदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा." संयुक्त विपक्ष द्वारा की जा रही प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए इमरान ने कहा कि विपक्षी दल देश में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं और भ्रष्टाचार के मामलों से निकलने के रास्ते देख रहे हैं.

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उन्होंने कहा, "देश प्रगति के पथ से बेपटरी नहीं होगा." उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष से राजनीतिक स्तर पर डटकर मुलाबला करेगी. संसदीय दल की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री के प्रति स्पष्ट समर्थन जाहिर किया गया. प्रस्ताव में कहा गया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन को विपक्ष ब्लैकमेल नहीं कर सकता. प्रस्ताव में संसद को मजबूत करने की शपथ ली गई और विपक्ष के असंवैधानिक तथा अवैध कार्यो की निंदा की गई.

प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार चुनी हुई तथा देश की जनता की प्रतिनिधि संस्था है. उल्लेखनीय है कि मौलाना फजलुर रहमान प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर अपने हजारों समर्थकों के साथ इस्लामाबाद में धरने पर हैं. उनके आजादी मार्च को संयुक्त विपक्ष ने समर्थन दे रखा है.