logo-image

UNSC में मुंह की खाने के बाद पाकिस्‍तान की इमरान खान की सरकार ने बुलाई बड़ी बैठक

माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद पाकिस्‍तान ऐसा कुछ कर सकता है, जिससे नई दिल्‍ली के साथ उसके संबंध और तनावपूर्ण दौर में पहुंच जाएंगे.

Updated on: 17 Aug 2019, 12:39 PM

highlights

  • राजनीतिक दलों के अलावा संगठनों को भी बुलाया गया बैठक में 
  • राजनीतिक और सामरिक दृष्टि से काफी अहम मानी जा रही है बैठक
  • भारत के अलावा अन्‍य देशों की भी इस बैठक पर कड़ी नजर

नई दिल्ली:

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) से निराशा हाथ लगने के बाद पाकिस्‍तान (Pakistan) ने आज शनिवार को कश्‍मीर (Jammu and Kashmir) मुद्दे पर उच्‍च स्‍तरीय बैठक बुलाई है. बैठक में पाकिस्‍तान (Pakistan) आगे की रणनीति तय करेगा. बैठक पर भारत की खास नजर है. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद पाकिस्‍तान ऐसा कुछ कर सकता है, जिससे नई दिल्‍ली (New Delhi) के साथ उसके संबंध और तनावपूर्ण दौर में पहुंच जाएंगे.

यह भी पढ़ें : आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, महिला विंग की अध्‍यक्ष के साथ बीजेपी में शामिल हो गए कपिल मिश्रा

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में मुंह की खाने के बाद पाकिस्‍तान में यह बैठक बुलाई जा रही है. भारत के लिए यह बैठक राजनीतिक और सामरिक दृष्टि से काफी अहम मानी जा रही है. भारत के अलावा दुनिया के अन्‍य देशों की भी इस बैठक पर कड़ी नजर है. दुनिया के देशों की उत्‍सुकता यह है कि अब कश्‍मीर मामले में पाकिस्‍तान क्‍या स्‍टैंड लेगा.

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि बैठक में कश्‍मीर मुद्दे पर भविष्‍य की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. खास बात यह है कि बैठक में राजनीतिक दलों के साथ पाकिस्‍तान के प्रमुख संगठनों को भी आमंत्रित किया गया है. वे भी अपनी राय बैठक में रख सकेंगे. माना जा रहा है कि पाकिस्‍तान इस बैठक में कश्‍मीर के लोगों की मदद के नाम पर भारत को उकसाने वाली कोई हरकत कर सकता है.

यह भी पढ़ें : स्कॉर्पियो, XUV300, TUV300 और KUV100 पर भारी छूट दे रहा महिंद्रा, पढ़ें पूरी खबर

इससे पहले शुक्रवार को चीन की पहल पर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कश्‍मीर मामले में अनौपचारिक चर्चा हुई. हालांकि चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के अन्‍य सदस्‍य देशों ने कश्‍मीर मामले को एक मत से खारिज कर दिया. बैठक में चीन की बात भी नहीं मानी गई, जिससे परिषद में पाकिस्‍तान और चीन अलग-थलग पड़ गए.