logo-image

पाकिस्तान ने छाना समुद्र पर नहीं मिला खजाना, टूटा इमरान खान का सपना

पाकिस्तान में जिस विशालकाय तेल खजाने को लेकर उम्मीदों का पहाड़ खोदा जा रहा था, उससे कुछ हासिल होता नजर नहीं आ रहा है.

Updated on: 08 May 2019, 09:45 AM

highlights

  • पाक के कराची स्थित समुद्री तटों पर केकरा-1 क्षेत्र में हो रही खुदाई
  • पानी के अंदर कुल 5660 मीटर गहराई तक खुदाई की जानी थी
  • अभी तक 4810 मीटर तक की खुदाई हो चुकी हैं तेल कंपनियां

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में जिस विशालकाय तेल खजाने को लेकर उम्मीदों का पहाड़ खोदा जा रहा था, उससे कुछ हासिल होता नजर नहीं आ रहा है. हालांकि, पाकिस्तान के अधिकारी अभी भी अपनी जनता और दुनिया को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले भी पाकिस्तान की ओर से कई बार प्रयास किए जा चुके हैं, लेकिन आज कोई सफलता हाथ नहीं लगी.

यह भी पढ़ें ः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव आयोग ने दी डबल क्‍लीन चिट, पढ़ें पूरी खबर

पाक के कराची स्थित समुद्री तटों पर केकरा-1 क्षेत्र में खुदाई बिल्कुल अंतिम चरण में पहुंच गई है. पाकिस्तान को यहां एशिया के सबसे बड़े तेल और गैस भंडार मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी है. यूएस तेल और गैस कंपनी एक्सॉन मोबिल के साथ इटली की ईएनआई, पाकिस्तान की तेल और गैस कंपनी मिलकर केकरा-1 ब्लॉक में मिलकर खुदाई कर रही हैं. पानी के अंदर कुल 5660 मीटर गहराई तक खुदाई की जानी थी और अभी तक 4810 मीटर तक की खुदाई हो चुकी है. इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि अंतिम चरण तक पहुंचते-पहुंचते तेल और गैस भंडार के खजाने के संकेत मिलने लगेंगे. हालांकि अभी तक ऐसी कोई सफलता कंपनियों के हाथ नहीं लगी है.

पाक के पूर्व गृह मंत्री रहे चौधरी निसार अली खान ने भी संभावित तेल भंडार के दावे पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को अरब सागर के तेल भंडारों के बारे में गलत जानकारी दी गई. रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चौधरी निसार ने कहा कि किसी ने भी तेल भंडारों की खोज के इमरान खान के दावे पर सवाल खड़े नहीं किए.

यह भी पढ़ें ः बेगुसराय से बीजेपी प्रत्याशी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कोर्ट में आत्मसमर्पण, जमानत मिली

मार्च में पीएम इमरान खान ने कहा था कि वह जल्द ही देश के साथ एक अच्छी खबर साझा करेंगे. पाकिस्तानी पीएम ने अपने देशवासियों से अपील भी की कि वे प्रार्थना करें कि तेल भंडार को लेकर सारी उम्मीदें सच साबित हों. उन्होंने कहा था कि अगर खुदाई कर रहीं कंपनियों से मिल रहे संकेत पर चलें तो मजबूत संभावना है कि हम अपने पानी में बड़ा तेल भंडार खोज लेंगे. अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान एक अलग कतार में आकर खड़ा हो जाएगा.

एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, मुझे नहीं पता कि इमरान खान को कौन ऐसी गलत जानकारी दे रहा था कि पाकिस्तान भंडार खोजने के बहुत नजदीक है. तब तो खुदाई का बहुत शुरुआती चरण ही था. उन्होंने ड्रिलिग ऑपरेटर कंपनी ईएनआई के डेटा के हवाले से कहा कि केकरा-1 कुएं को करीब 4900 मीटर की गहराई तक खोदा गया तो बहुत उच्च दबाव बना था, जिससे मिट्टी का बहुत नुकसान हुआ. इसके बाद एक तरफ से ट्रैकिंग की शुरुआत की गई और जब यह 3100 मीटर की गहराई तक पहुंचा तो फिर से असफलता ही हाथ लगी. इसके बाद दूसरी तरफ से ट्रैकिंग की गई और 3700 मीटर तक कुएं की खुदाई की गई.

यह भी पढ़ें ः IRCTC: रेलवे में तत्काल टिकट (Tatkal Ticket) बुक करने के ये हैं नियम, पढ़ें पूरी खबर

केकरा-1 कुएं में इस मिशन को 75-80 लाख डॉलर की लागत के साथ शुरू किया गया था और इस जॉइंट वेंचर में 25 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ चार कंपनियां जुटी हुई हैं. इससे पहले अतिरिक्त सचिव और पेट्रोलियम विभाग के प्रवक्ता शेर अफगान ने पुष्टि की थी कि जब खुदाई 4800 मीटर की गहराई तक पहुंची थी तो अचानक से दबाव बढ़ गया, जिससे खुदाई की संरचना में असंतुलन पैदा हो गया था.

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पूर्व विशेष सचिव जीए साबरी ने कहा कि केकरा-1 की खुदाई से पहले तेल की संभावना 19 फीसदी थी, लेकिन दोनों तरफ की खुदाई के बाद यह संभावना और भी घट गई है. हालांकि, पाकिस्तान की सरकार और उनके मंत्रियों को अभी भी तेल भंडार मिलने की उम्मीद है. पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी नदीम बाबर ने कहा कि केकरा-1 में ऊर्जा भंडार मिलने की उम्मीद है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि खुदाई अब अंतिम चरण में पहुंच गई है और अब ये अनुमान लगाना आसान होगा कि वहां कोई तेल या गैस का भंडार है या नहीं.

यह भी पढ़ें ः मुजफ्फरपुर में होटल में मिलीं ईवीएम, ड्राइवर ने मतदान की इच्छा जताई तो मजिस्ट्रेट ने उठाए ये गैर कानूनी कदम

एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि पाकिस्तान कराची के समुद्र तटों के गहरे पानी में खुदाई अपने आखिरी चरण में पहुंच गई है और इसके साथ ही पाकिस्तान तेल और गैस भंडार मिलने की उम्मीद कर रहा है. पेट्रोलियम मंत्री उमर अयूब ने कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए हर मदद मुहैया कराएगी. मंत्री ने दावा किया कि इस खोज के बाद रोजगार सृजन होगा.

वहीं एक्सॉन मोबिल कंपनी के अध्यक्ष इरतिजा सैय्यद ने कहा कि एक्सॉन मोबिल समुद्री तटों के नजदीक कई और ब्लॉक की खुदाई करने के लिए उत्सुक है. पाकिस्तान में दशकों बाद एक्सॉन मोबिल की एंट्री को उत्पादन और खोज के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है. पेट्रोलियम विभाग ने पहले ही पाकिस्तान ऑफशोर (एक्सप्लोरेशन ऐंड प्रोडक्शन) रूल्स 2019 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाना है. तेल भंडार खोजने को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की सरकार ने खुदाई के हथियारों पर ड्यूटी और करों में कटौती कर दी है.

यह भी पढ़ें ः विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, EVM-VVPAT से जुड़ी 21 दलों की पुनर्विचार याचिका खारिज

पेट्रोलियम कॉन्सेशन्स डीजी काजी सलीम ने कहा कि तेल और गैस भंडार की दुनिया में खुदाई में 75-80 लाख डॉलर का शुरुआती निवेश को डूबने वाला निवेश माना जा रहा था. इसके पीछे तेल के कुओं का सूखा निकलने का अनुमान था. तेल भंडार के लिए खुदाई का काम सबसे ज्यादा जोखिम भरा होता है और इसीलिए इसे डूबने वाला निवेश का नाम भी दिया गया है. डीजीपीसी ने खुलासा किया कि अतीत में पाकिस्तान में 17 कुओं की खोज की गई थी, लेकिन सारे प्रयास विफल साबित हुए. पाकिस्तान के समुंदरों की खुदाई के इस इतिहास पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि 1963 में पहली बार समुद्र तट किनारे यूएस कंपनी सन ऑयल ने कुएं की खुदाई की थी लेकिन वह सूखा निकला था.

इसी सन ऑयल कंपनी ने 1964 में भी पाकिस्तान के गहरे समुंदर में दो कुओं की खुदाई की थी, लेकिन ये दोनों भी सूखे निकले. 8 साल बाद जर्मनी की विंटर शैल नाम की कंपनी समुद्र में तीन कुएं खोजने के काम में लगी, लेकिन बाद में इसे बीच में ही छोड़ दिया क्योंकि इससे भी कुछ नहीं मिला. उन्होंने आगे बताया कि 1972 में दो संभावित तेल कुएं और 1975 में भी एक कुएं की खुदाई की गई, लेकिन कोई भी तेल और गैस भंडार नहीं खोजा जा सका.

यह भी पढ़ें ः लंबे समय बाद सनी लियोन ने शेयर की बोल्ड फोटो, सोशल मीडिया पर मचाई सनसनी

उन्होंने आगे बताया कि 1976 में यूएस की मैराथन तेल कंपनी ने भी कोशिश की थी, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा. 1978 में कनाडा की हस्की कंपनी भी असफल ही साबित हुई. सात साल बाद 1985 में ओजीडीसीएल (OGDCL) की भी तेल भंडार की खोज फुस्स साबित हुई. 1989 में ऑक्सीडेंट कंपनी ने कुएं खंगाले, लेकिन वो भी सूखे निकले.

1992 में न्यूजीलैंड की कैंटरबरी और 2000 में यूएस की ओसियन कंपनी ने भी हाथ आजमाए, लेकिन कुएं सूखे निकले. 2004 में एक फ्रेंच कंपनी ने एक तेल भंडार की खोज अभियान की शुरुआत की, लेकिन इसे भी बाद में छोड़ दिया गया. 2005 में पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड और नीदरलैंड की शेल कंपनी ने 2007 में फिर से तेल भंडार ढूंढने की कोशिश की. 2010 में शार्क-1 पाकिस्तान के गहरे समुद्रों की खाक छानी, लेकिन बेकार रहा. कुल मिलाकर, तेल और गैस भंडार खोजने की 17 गंभीर कोशिशों में कुछ भी हासिल नहीं हुआ. पाकिस्तान की ऊर्जा जरूरतों और आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतराल है और इसीलिए पाकिस्तान कड़वे अतीत को भुलाकर इस तेल-गैस खजाने के मिलने की उम्मीद कर रहा है. हालांकि, खुदाई अभियान में लगीं कंपनियों के आधिकारिक ऐलान के बाद ही साफ हो पाएगा कि पाकिस्तान की तकदीर बदलने वाली है या नहीं.