इमरान खान का ब्लडप्रेशर बढ़ा, सोमवार को FATF की बैठक से तनाव चरम पर
पाकिस्तान खासकर उसके वजीर-ए-आजम इमरान खान के लिए अगले 24 घंटे बेहद तनाव भरे होंगे. आतंकियों को माली इमदाद मुहैया कराने से लेकर उनके प्रति हमदर्दी रखना पाकिस्तान के अस्तित्व पर संकट ला सकता है.
highlights
सोमवार से पेरिस में शुरू हो रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक.
27 बिंदुओं के एक्शन प्लान पर काम करने के लिए साल का समय दिया था.
इतिहास देखें तो पाकिस्तान की ऐसी कार्रवाई महज छलावा ही होती है.
नई दिल्ली:
कश्मीर पर दुष्प्रचार कर थक-हार चुके पाकिस्तान खासकर उसके वजीर-ए-आजम इमरान खान के लिए अगले 24 घंटे बेहद तनाव भरे होंगे. आतंकियों को माली इमदाद मुहैया कराने से लेकर उनके प्रति हमदर्दी रखना पाकिस्तान के अस्तित्व पर संकट ला सकता है. उस पर एफएटीएफ की बैठक में प्रतिबंधित होने का खतरा तेजी से मंडरा रहा है. सोमवार से पेरिस में शुरू हो रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक पर पूरी दुनिया की नजरे लगी हैं. इस बैठक में पाकिस्तान को साबित करना होगा कि उसने आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के साथ ही आतंकियों और उनके संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की है. इसमें नाकाम रहने पर उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ेंः मुसलमान सबसे सुखी भारत में, क्योंकि हम हिंदू हैं : मोहन भागवत
2018 में डाला गया था ग्रे लिस्ट में
गौरतलब है एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था और 27 बिंदुओं के एक्शन प्लान पर काम करने के लिए साल का समय दिया था. इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों की फाइनेंस को बैंकिंग व नॉन-बैंकिंग, कॉर्पोरेट व नॉन-कॉर्पोरेट सेक्टरों से रोकने के उपाय करने थे. सूत्रों ने बताया है कि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान द्वारा तैयार की गई अनुपालन रिपोर्ट को पाक के आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर के सामने जांचा जाएगा.
यह भी पढ़ेंः नाम में निर्मला और सीता, लेकिन हरकत पत्थर दिल वाली की निर्मला सीतारमण ने
बैंकॉक बैठक बनेगी आधार
एफएटीएफ के मुताबिक अगर पाकिस्तान 27 बिंदुओं के प्लान को लागू करने में नाकाम रहता है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा. पाकिस्तान के लिए चिंता की बात भी यही है कि एफएटीएफ को शुरुआती लक्षण ही ठीक नहीं दिख रहे हैं. अगस्त 2019 में एशिया प्रशांत समूह ने पाकिस्तान को नाकाम पाया था. पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा कि देश ब्लैकलिस्ट होने से बच जाएगा. रिपोर्टों में पाकिस्तानी सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि पिछले महीने बैंकॉक में हुई एशिया प्रशांत संयुक्त समूह की समीक्षा अच्छे तरीके से की गई है.
यह भी पढ़ेंः बीकानेर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, डरकर घरों से बाहर भागे लोग
केवल 6 पर ही खरा उतरा है पाकिस्तान
हालांकि भारतीय रिपोर्टों में कहा गया है कि बैंकॉक मीटिंग को लेकर पाकिस्तान गंभीर तनाव में है. इस मीटिंग में पाकिस्तान 27 बिंदुओं के एक्शन प्लान में से केवल 6 पर ही खरा उतरा था. ऐसे में पाकिस्तान पर ब्लैकलिस्ट होने का खतरा और बढ़ गया है. तकनीकी अनुपालन में भी पाकिस्तान को 40 में से 10 पॉइंट्स में संतोषजनक पाया गया था. 30 में पाकिस्तान जीरो था तो वहीं 10 महत्वपूर्ण मानकों पर पाकिस्तान की स्थिति 'लो' थी.
यह भी पढ़ेंः दाऊद इब्राहिम के खास मिर्ची संग जुड़ा प्रफुल्ल पटेल का नाम, ईडी को वित्तीय सौदेबाजी का शक
आतंक पर रोक महज छलावा है
हालांकि पिछले दिनों पाकिस्तान ने दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए कई आतंकियों को सलाखों के पीछे धकेल दिया था. हालांकि पुराना इतिहास देखें तो पाकिस्तान की ऐसी कार्रवाई महज छलावा ही होती है. पाकिस्तान में आतंकियों को पूरी छूट रहती है और वे भारत, अमेरिका के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं. बीते दिनों ही आतंकियों ने नियंत्रण रेखा पर महारैली का आयोजन किया था. अगर पाक काली सूची में जाता है तो पहले से बदहाल अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो जाएगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य