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नीच पाकिस्तान ने फिर की ये नापाक हरकत, जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश के बाद की हत्या

ताजा मामला पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी (Ghotki) जिले का है जहां एक और युवती को जबरन धर्म परिवर्तन करवाने की कोशिश की गई है

Updated on: 18 Sep 2019, 06:04 PM

highlights

  • पाकिस्तान में फिर अल्पसंख्यक युवती की हत्या
  • पाकिस्तान में लगातार अल्पसंख्यकों पर हो रहा जुल्म
  • धर्म परिवर्तन में सफल ना हुए तो कर दी हत्या!

नई दिल्ली:

पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों (Minorties) पर जुर्म (Crime) लगातार बढ़ता ही जा रहा है आए दिन यहां पर हिन्दू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन (Conversion) होता है अगर अल्पसंख्यक समुदाय ने कभी इसका विरोध किया तो पाकिस्तान उनकी हत्या करवाने से भी गुरेज नहीं करता है. ताजा मामला पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी (Ghotki) जिले का है जहां एक और युवती को जबरन धर्म परिवर्तन करवाने की कोशिश की गई है लेकिन असफल होने पर युवती की हत्या कर दी गई है. इस लड़की का नाम नम्रता चांदनी बताया जा रहा है जिसका शव उसके हॉस्टल के कमरे से बरामद हुआ है.

सिंध प्रांत के घोटकी जिले की नम्रता चांदनी का शव मंगलवार को उसके हॉस्टल के कमरे की चारपाई पर पड़ा मिला. नम्रता का कमरा अंदर से बंद था और उसके गले में कपड़ा बंधा हुआ था. मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक पाकिस्तान पुलिस के अधिकारी इस मामले को सुसाइड बताकर उसे रफा-दफा करना चाहते थे, लेकिन नम्रता के परिवार का कहना है कि उसकी हत्या की गई है. नम्रता के भाई विशाल जो कि मेडिकल कंसलटेंट हैं का मानना है प्राथमिक जांच से पता चलता है कि नम्रता की हत्या की गई है. विशाल ने कहा मैंने नम्रता की गर्दन पर तार के निशान देखे हैं. ऐसे ही निशान उसके हाथ पर भी निशान हैं. विशाल ने कहा कि ये तार के ही निशान है लेकिन उसकी दोस्त का कहना है कि उसने नम्रता को जब देखा तो उसके गले में दुपट्टा बंधा हुआ था.

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नम्रता के भाई विशाल से जब ये पूछा गया कि उसकी बहन को कोई परेशानी या तकलीफ थी तो उसने बताया ऐसा कुछ भी नहीं था वो पढ़ाई में बहुत ही अच्छी थी और दो दिन पहले ही मेरी उससे बात भी हुई थी. विशाल ने सरकार से गुजारिश की है कि इस मामले की बेहतर तरीके से जांच की जाए और उसने वहां के लोगों से अपने परिवार के लिए सहयोग मांगा है. आपको बता दें कि एक दिन पहले घोटकी में ही एक हिंदू मंदिर में तोड़-फोड़ का मामला भी सामने आया था जिसमें 218 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी इसी वजह से इस मामले को भी धर्म परिवर्तन के नजरिए से जोड़कर देखा जा रहा है. इसके पहले पाकिस्तान में कई ऐसे मामले आ चुके हैं जिनमें धर्म परिवर्तन के लिए अल्पसंख्यकों पर दबाव बनाया जाता रहा है और ऐसा न करने पर उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है.

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