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फुकुशिमा परमाणु संयंत्र की सफाई में विलंब, भूकंप से हुआ था क्षतिग्रस्त

इन्हें 2041-2050 के मध्य पूरी तरह से ध्वस्त किए जाने की समय सीमा तय की गई थी.

Updated on: 28 Dec 2019, 02:05 PM

highlights

  • भूकंप और सुनामी से क्षतिग्रस्त हुए थे फुकुशिमा दायची परमाणु संयत्र के दो रिएक्टर.
  • रेडियोएक्टिव ईंधन की सफाई के काम में विलंब करने का जापान सरकार का निर्णय.
  • रेडिएशन से वहां भेजे गए इलेक्ट्रिॉनिक और रोबोटिक डिवाइस भी खराब हो गए.

नई दिल्ली:

जापानी अधिकारियों ने साल 2011 में आए भूकंप और सुनामी से क्षतिग्रस्त हुए फुकुशिमा दायची परमाणु संयत्र के दो रिएक्टरों से रिसे रेडियोएक्टिव ईंधन की सफाई के काम में विलंब करने का निर्णय लिया है. यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, फुकुशिमा प्रांत में स्थित संयंत्र के छह रिएक्टर 11 मार्च, 2011 को आए 9.0 तीव्रता वाले भूकंप और सुनामी की वजह से क्षतिग्रस्त हो गए थे. इस परमाणु संयंत्र का निर्माण टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी (टीईपीसीओ) ने 1970 में किया था, जिसे 2041-2050 के मध्य पूरी तरह से ध्वस्त किए जाने की समय सीमा तय की गई थी.

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रेडियोएक्टिव ईंधन की सफाई में लगेगी देर
सरकार ने रिएक्टर एक और दो से ईंधनों को हटाने में देरी करने का फैसला शुक्रवार को लिया. चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी योशीहिदे सुगा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने फुकुशिमा केंद्र को पूरी तरह से ध्वस्त करने को लेकर मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजना पर चर्चा की है. रिएक्टर एक से ईंधनों को हटाने में चार-पांच साल तक की देरी करने का फैसला किया गया है, जिससे इस कार्य की शुरुआत 2027 और 2028 में और रिएक्टर दो को लेकर प्रक्रिया में एक से लेकर तीन साल तक देर किए जाने का फैसला किया गया है। इस पर काम साल 2024 और 2026 में शुरू हो सकता है.

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अभी खत्म नहीं हुआ रेडिएशन
कंपनी द्वारा बताए गए कारणों में से एक कारण रेडिएशन की चरम सीमा बताई जा रही है, जिसकी वजह से वहां भेजे गए इलेक्ट्रिॉनिक और रोबोटिक डिवाइस भी खराब हो गए. ऐसे में वहां पर मानव को भेजना अत्यंत घातक साबित हो सकता है. गौरतलब है कि जापान में आए भूकंप और सुनामी में कई इलाके पूरी तरह से बर्बाद हो गए थे.