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भारत के दोस्त मालदीव में जड़ें जमा रहा अल-कायदा और आईएसआईएस

पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने एशिया में गहराते आतंकी खतरे के प्रति पड़ोसी देशों को आगाह किया है. उन्होंने चेताते हुए कहा कि एशिया जेहादी आंदोलनों और आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है.

Updated on: 05 Sep 2019, 06:23 AM

highlights

  • मोहम्मद नशीद ने कहा मालदीव में इस्लामिक कट्टरपंथी विचारधारा का प्रभाव.
  • अल-कायदा और आईएसआईएस गहरी पैठ बनाने में जुटी.
  • एशिया को आतंकवाद और जेहादी आंदोलनों का केंद्र बता पड़ोसी देशों को चेताया.

माले:

हिंद महासागर क्षेत्र में कट्टरपंथी इस्लाम को सबसे बड़ी चुनौती मानते हुए मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने देश की सुरक्षा और आतंकवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अलकायदा और आईएसआईएस मालदीव के सैन्य संस्थानों, सुरक्षाबलों में रणनीतिक पदों पर गहरी पैठ बना रहे हैं. इस तरह वे सरकारी नीतियों और योजनाओं को प्रभावित करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही वह चीन की विस्तारवादी नीति की भी ईस्ट इंडिया कंपनी से तुलना करने से नहीं चूके.

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40 सालों से मालदीव में कट्टरपंथी इस्लाम हावी
माले में आयोजित हिंद महासागर कांफ्रेंस (आईओसी) में नशीद ने कहा, 'अल-कायदा और आईएसआई मालदीव में गहरी पैठ बना रहा है. वे एक रणनीतिक साजिश के तहत सुरक्षा बलों, पुलिस, सैन्य प्रतिष्ठानों, आव्रजन विभाग, शिक्षा मंत्रालय में महत्वपूर्ण पदों पर कब्जा कर रहे हैं. उनका मकसद महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को प्रभावित करना है.' उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बीते 40 सालों में मालदीव में इस्लाम की बेहद कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस लिहाज से एशिया जेहादी आंदोलनों और आतंकवादी गतिविधियों के पोषित-पल्लवित होने का केंद्र बन गया है.' उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए कहा कि कई मालदीव के नागरिक भी सीरिया में आईएसआईएस की तरफ से लड़ने के लिए गए हैं.

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चीन की विस्तारवादी नीति पर भी साधा निशाना
इसके साथ ही उन्होंने चीन पर निशाना साधते हुए कहा, 'बीते कुछ सालों में चीन ने बगैर एक गोली चलाए ईस्ट इंडिया कंपनी से ज्यादा मालदीव की जमीन पर कब्जा किया है.'उन्होंने मालदीव के विकास के लिए विदेशी निवेश की भी महता पर भी जोर दिया. हालांकि आगाह भरे शब्दों में चीन पर फिर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लेकिन विदेशी निवेश पारदर्शिता भरा होना चाहिए.'

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मालदीव सरकार से जताई उम्मीद
उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि मालदीव की नई सरकार इस चुनौती से निपटेगी और हम आतंकियों के इरादों को नाकाम करने में सफल होंगे. बता दें कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद लंबे निर्वासन के बाद अपने देश लौटे हैं. इसके बाद उनकी पार्टी ने संसदीय चुनाव में बड़ी जीत हासिल की. अप्रैल में संसद के लिए चुनाव हुए थे. इससे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को बड़ा झटका लगा. इस बार यामीन ने चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन उनकी पार्टी की करारी हार हुई थी.