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मनी लॉन्ड्रिंग केस में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी गिरफ्तार, जानें ये कैसे हुआ

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) को मनी लॉन्ड्रिंग के अन्य मामले में एनएबी (NAB) ने गिरफ्तार किया है.

Updated on: 01 Jul 2019, 11:37 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) को मनी लॉन्ड्रिंग के अन्य मामले में एनएबी (NAB) ने गिरफ्तार किया है. आरोप है कि आसिफ अली जरदारी पैराथन नाम से एक फेक फ्रंट कंपनी चला रहे थे. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाक लेन प्रॉपर्टीज में वे खाताधारक भी हैं.

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नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने फर्जी बैंक खातों से 15 करोड़ का लेनदेन किया था. विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के 63 वर्षीय सह-अध्यक्ष और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति को पार्क लेन मामले में गिरफ्तार किया गया था.

2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद आसिफ अली जरदारी पीपीपी के सह अध्यक्ष बन गए थे. उनकी गिरफ्तारी तब हुई जब उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के खिलाफ दायर अपनी अंतरिम जमानत की अर्जी वापस ले ली. आसिफ अली जरदारी ने कहा था कि अगर उन्हें जमानत दे दी गई तो एनएबी अधिक फर्जी मामलों का आरोप लगाएगा.

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बता दें कि पाकिस्तान की एक बैंकिंग अदालत ने पिछले दिनों अरबों रुपये के धन शोधन घोटाले (मनी लॉन्‍ड्रिंग केस) के सिलसिले में देश के पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. एनएबी के अनुसार फर्जी बैंक खातों के माध्यम से जरदारी ने 15 करोड़ रुपये का लेन-देन किया था.

विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के 63 वर्षीय सह-अध्यक्ष और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति को पार्क लेन मामले में गिरफ्तार किया गया था. 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद आसिफ अली जरदारी, पीपीपी के सह-अध्यक्ष बने थे. उनकी गिरफ्तारी तब हुई जब उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के खिलाफ दायर अपनी अंतरिम जमानत की अर्जी वापस ले ली. आसिफ अली जरदारी ने कहा था कि अगर उन्हें जमानत दे दी गई तो एनएबी अधिक फर्जी मामलों का आरोप लगाएगा.

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इससे पहले पाकिस्तान के शीर्ष भ्रष्टाचार विरोधी निकाय ने फर्जी बैंक खातों से जुड़े एक मामले में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बहन को गिरफ्तार किया था. जरदारी की पार्टी पीपीपी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि पार्टी सरकार की ऐसी ज्यादती के सामने नहीं झुकेगी.