logo-image

फवाद चौधरी ने दशहरा की दी बधाई, लोगों ने कर दी जमकर उनकी खिंचाई

फवाद साहब ने यूं तो दी थी शुभकामनाएं, लेकिन बदले में उन्हें मिली सिर्फ लानतें-मलानतें. वे बुरी तरह से ट्रोल हो रहे हैं.

Updated on: 08 Oct 2019, 02:45 PM

highlights

  • फवाद साहब को दशहरे पर ट्वीट करना भारी पड़ गया.
  • बदले में उन्हें मिली सिर्फ लानतें-मलानतें.
  • टि्वटर यूजर्स ने कहा हाफिज-अजहर को मारो.

नई दिल्ली:

बालाकोट समेत संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर वजीर-ए-आजम इमरान खान के भाषण पर प्रतिक्रिया स्वरूप ट्वीट कर ट्रोल हुए पाकिस्तान के सूचना एवं तकनीक मंत्री फवाद चौधरी एक बार फिर भारतीय ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए हैं. हालंकि इस बार फवाद साहब ने हिंदुओं के असत्य पर सत्य की जीत बताते पर्व दशहरे या विजयदशमी पर ट्वीट करना भारी पड़ गया. फवाद साहब ने यूं तो दी थी शुभकामनाएं, लेकिन बदले में उन्हें मिली सिर्फ लानतें-मलानतें. वे बुरी तरह से ट्रोल हो रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान की दशहरे पर दहशत फैलाने की साजिश बेनकाब, फिरोजपुर में ड्रोन ने लांघी सीमा

कुछ ने सराहा, कुछ ने किया ट्रोल
मसला कुछ यूं है कि मंगलवार को फवाद चौधरी ने ट्विटर पर दशहरा की बधाई दी. फवाद ने लिखा कि पाकिस्तान, हिंदुस्तान और अन्य हिस्सों में रह रहे सभी हिंदुओं को दशहरे की बधाई. फवाद चौधरी के इस ट्वीट पर हर तरह की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं. कुछ लोगों ने उनकी इस दरियादिली को सराहा, तो कुछ ने आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले पाकिस्तानी सेना और हुक्मरानों को लेकर उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया. फवाद चौधरी ट्रोलिंग पर बच सकते थे, लेकिन उन्होंने एक भारतीय को 'इडियट' बोल दिया. उसके बाद से तो मानो भारतीय टि्वटरेटी उनके पीछे ही पड़ गए.

यह भी पढ़ेंः RSS की शाखाओं से निकले ये स्‍वयंसेवक आज भारतीय राजनीति के कोहिनूर

अखंड भारत जिदंबाद का उद्घोष
कुछ लोगों ने लिखा कि अच्छा होता कि आज ही पाकिस्तान मसूद अजहर, हाफिज़ सईद को मार दिया जाता. फवाद चौधरी को ट्रोल करते हुए कुछ लोगों ने अखंड भारत जिंदाबाद, तो एक यूजर ने लिखा कि अच्छा होता कि आप अपने अंदर के रावण को खत्म करते. हालांकि इस ट्रोलिंग को सतही भी नहीं कहा जा सकता है. पाकिस्तान में लगातार हिंदुओं पर अत्याचार की खबरें आती रहती हैं. फिर चाहे हिंदू लड़कियों को अगवा करने की बात हो या फिर लगातार हो रहे हमले की बात हो. ऐसे में हिंदुओं के तुष्टीकरण से भरे उनके ट्वीट की ईमानदारी पर संदेह किया जाना लाजिमी है.