अमेरिका के राष्ट्रपति की तकदीर भारतीय मूल के वोटरों के पास
अगले साल अमेरिका में राष्ट्रपति (Election of President of America) चुनाव होने हैं और इसी साल नवंबर से प्रीमियर चुनाव शुरू हो जाएंगे.
नई दिल्ली:
अगले साल अमेरिका में राष्ट्रपति (Election of President of America) चुनाव होने हैं और इसी साल नवंबर से प्रीमियर चुनाव शुरू हो जाएंगे. ऐसे में इस कार्यक्रम को अमेरिकी राजनीतिक पंडित इस नजरिए से भी देख रहे हैं. दरअसल, अमेरिका में 15 लाख के करीब भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं जो चुनाव के वक्त किसी का भी पलड़ा भारी कर सकते हैं. 2010 के बाद से अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की संख्या में 78% की बढ़ोतरी हुई है.
अमेरिका में भारतवंशियों की तादाद 2010-17 के दौरान 38% तक बढ़ी है. उनकी आबादी 2010 में 31 लाख 83 हजार 63 थी. 2017 में यह बढ़कर 44 लाख 2 हजार 363 हो गई. साउथ एशियन अमेरिकन लीडिंग टुगेदर (साल्ट) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 6 लाख 30 हजार भारतवंशी यहां अवैध तौर पर रह रहे हैं. इन सभी लोगों का वीजा खत्म हो चुका है. 2010 के बाद से अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की संख्या में 78% की बढ़ोतरी हुई है.
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करंट पापुलेशन सर्वे के मुताबिक- 2016 के अमेरिकी चुनाव में एशियाई देशों के 49.9% लोगों ने मतदान किया था. 2001 में जहां दक्षिण एशियाई मूल के वोटरों की संख्या 20 लाख थी, वहीं 2016 में ये बढ़कर 50 लाख तक पहुंच चुके हैं. इनमें से 15 लाख भारतीय हैं. पाक मूल के वोटरों की संख्या 2 लाख 22 हजार 252 है जबकि बांग्लादेशी 69,825 हैं .
टेक्सास ही क्यों है खास?
- टेक्सास अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, क्षेत्रफल और जनसंख्या दोनों के हिसाब से. यहां अगर वोटरों की बात करें तो करीब 4 फीसदी वोटर एशियाई मूल के हैं (2018 के हिसाब से), जिसमें अधिकतर संख्या भारतीय समुदाय के वोटरों की है.
- अगर ताजा बात करें तो टेक्सास में कांग्रेसमैन (सांसद), गवर्नर दोनों ही रिपल्बिकन पार्टी के हैं, लेकिन ये हमेशा डेमोक्रेट्स का ही गढ़ रहा है. इसके अलावा एक खास आंकड़ा ये भी है कि 2016 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दावेदारी में डोनाल्ड ट्रंप खड़े थे तो वह टेक्सास में अपनी पार्टी में ही पिछड़ गए थे.
- रिपब्लिकन पार्टी में प्रीमियर चुनाव के दौरान टेड क्रूज़ को 43 फीसदी और डोनाल्ड ट्रंप को मात्र 26 फीसदी वोट मिले थे. हालांकि, पूरे अमेरिका में बढ़त के कारण डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी जीत गए थे. जिसके बाद जब मुकाबला डोनाल्ड ट्रंप बनाम हिलेरी क्लिंटन के बीच हुआ तो ट्रंप को 52 फीसदी और हिलेरी को 43 फीसदी वोट मिले थे.
- पिछले कुछ चुनावों के डाटा को देखें तो एशियन-भारतीय वोटरों का रुख हमेशा डेमोक्रेट्स के तरफ ही रहा है, ऐसे में रिपल्बिकन पार्टी की तरफ से हमेशा उन्हें रिझाने की कोशिश जारी रहती है.
ट्रंप को भारतीय वोटर से फ़ायदे की उम्मीद
- हर कोई अपने-अपने तरीके से भारतीय समुदाय के वोटरों को अपनी ओर खींचना चाहता है. यही कारण है कि हाउडी मोदी में ना सिर्फ रिपब्लिकन बल्कि डेमोक्रेट्स के सांसद भी शामिल हो रहे हैं.
- 2016 के चुनाव में भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रचार के दौरान ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’, ‘आई लव हिंदू’, ‘आई लव मोदी’ जैसे नारों-शब्दों का प्रयोग किया था और भारतीय समुदाय के वोटरों को लुभाने की कोशिश की थी.
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