मसूद अजहर के खिलाफ अमेरिका का बड़ा बयान, भारत को मिला समर्थन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के अहम फैसले से एक दिन पहले ट्रंप प्रशासन ने कहा कि अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए काफी सबूत हैं.
वाशिंगटन:
पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित करने के फैसले से पहले भारत को बड़ी जीत मिली है. अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी होने के मानदंडों को पूरा करता है और ऐसा नहीं करना क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के खिलाफ होगा. 50 वर्षीय आतंकी मसूद अजहर ने भारत में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया है. 2001 संसद हमले से लेकर पठानकोट एयरबेस हमला, जम्मू और उरी में आर्मी कैंप पर हमले और पिछले महीने पुलवामा में हुए भीषण आत्मघाती हमले जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे, इन सब में उसका हाथ रहा है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के अहम फैसले से एक दिन पहले ट्रंप प्रशासन ने कहा कि अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए काफी सबूत हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता रॉबर्ट पालाडिनो ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'अजहर जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और नेता है. और वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करने के मानदंड को पूरा करता है. जेईएम संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी समूह है.'
उन्होंने कहा कि जेईएम कई आतंकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार रहा है और क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए एक खतरा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत आतंकनिरोधी प्रयासों पर एक साथ काम कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जेईएम और उसके संस्थापक पर उनका नजरिया सबको पता है.
हालांकि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अंदर इस मुद्दे पर चल रहे विचार-विमर्श पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति, उनके विमर्श गोपनीय हैं और इस पर हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं.'
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यूएन द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में चीन के पहले के बाधित करने के प्रयासों पर उन्होंने कहा, 'अमेरिका और चीन क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के मोर्चे पर परस्पर हित साझा करता है और अजहर को घोषित (वैश्विक) करने में विफलता इस लक्ष्य का विरोध करना होगा.'
UNSC में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने का आज (13 मार्च) आखिरी दिन है और अब तक किसी सदस्य ने ऐसा कदम नहीं उठाया है. पिछली बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में बाधा बनने वाले चीन ने भी सुरक्षा परिषद में रखे गए इस प्रस्ताव के खिलाफ अब तक आपत्ति दर्ज नहीं कराई है.
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय (5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति को कहा कि मसूद अजहर के हथियारों पर व्यापारिक रोक, वैश्विक यात्रा पर रोक और संपत्ति जब्त किया जाय.
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इससे पहले भी 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के पास पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव लाया था, हालांकि चीन ने इसका विरोध किया था.
चीन ने पिछले साल अक्टूबर में भी कहा था कि वह भारत को कई बार बता चुका है कि पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में उसे दिक्कतें हैं और वह इस मामले में अपने आप संज्ञान लेगा.
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