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जम्मू-कश्मीर पर चीन ने पाकिस्तान को दिया बड़ा झटका, 'द्विपक्षीय मतभेदों पर न हो विवाद'

चीन की यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर(S Jaishankar) ने सोमवार को चीन के उप राष्ट्रपति वांग किशान(Wang Qishan) से मुलाकात की.

Updated on: 12 Aug 2019, 05:45 PM

नई दिल्ली:

चीन की यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर(S Jaishankar) ने सोमवार को चीन के उप राष्ट्रपति वांग किशान(Wang Qishan) से मुलाकात की. इसके बाद एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की मीटिंग की.बीजिंग में उप राष्ट्रपति वांग किशान से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने कहा, 'भारत-चीन संबंधों को उस समय स्थिरता का कारक होना चाहिए जब दुनिया अनिश्चित स्थिति का सामना कर रही हो.'

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बीजिंग में मुलाकात के बाद कहा है, 'कैलाश मानसरोवर यात्रा के विस्तार के लिए चीन की ओर से आज कुछ सुझाव दिए, हम उन पहलों की गहराई से सराहना कर रहे हैं.'

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, 'हमने अपने लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए 100 गतिविधियों को आयोजित करने पर भी सहमति व्यक्त की है. हम संयुक्त रूप से एक फिल्म सप्ताह का उद्घाटन करेंगे, बाद में इस शाम को इन गतिविधियों की शुरुआत को चिह्नित करेंगे. हमने अभी 4 एमओयू किए हैं.

इसके साथ ही जयशंकर ने कहा, 'भारत-चीन संबंध का वैश्विक राजनीति में एक अनूठा स्थान है. 2 साल पहले हमारे नेताओं ने उस वास्तविकता को पहचान लिया और अस्ताना में एक आम सहमति पर पहुंच गए कि वैश्विक अनिश्चितता के समय भारत-चीन संबंध स्थिरता का कारक होना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह महत्वपूर्ण था कि हमारे बीच मतभेद, यदि कोई हो, तो विवाद नहीं होना चाहिए.'

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वहीं, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की बात है तो हमारी इस पर पैनी नजर है. हमें उम्मीद है कि भारत भी शांति और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक कदम उठाएगा.'  इसके साथ ही कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच चीन ने शांति की अपील की.

वांग, 'एस जयशंकर ने चीन-भारत संबंधों में सकारात्मक और सक्रिय योगदान देने के लिए कई वर्षों तक चीन में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया, यह विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद चीन की उनकी पहली यात्रा है, मैं उनका स्वागत करता हूं.'

वांग यी ने आगे कहा, 'चीन व्यापार असंतुलन पर भारत की चिंताओं को समझता है. हम भारत को निर्यात में सुविधाएं देने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही हम निवेश, औद्योगिक उत्पादन, टूरिजम, सीमा व्यापार एवं अन्य क्षेत्रों में सहयोग के लिए तत्पर हैं.'

बता दें, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद मोदी कैबिनेट के किसी मंत्री का यह पहला चीन दौरा है.भारत ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का भी फैसला लिया है.