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डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाया आरोप, अमेरिका की बौद्धिक संपदा चोरी कर बना दुनिया के लिए खतरा

अमेरिका और चीन के बीच मतभेद की खाई बढ़ती जा रही है. अमेरिका ने चीन की बढ़ती सैन्य ताकत पर चिंता जाहिर करते हुए दुनिया के लिए एक खतरा बताया है.

Updated on: 22 Sep 2019, 06:29 AM

highlights

  • अमेरिका ने चीन की बढ़ती सैन्य ताकत पर चिंता जाहिर की.
  • ट्रंप ने कहा कि निश्चित तौर पर चीन दुनिया के लिए इस मायने में खतरा है
  • अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों ने चीन को बौद्धिक संपदा एवं संपत्ति अधिकारियों को चुराने की इजाजत दी

अमेरिका ने चीन की बढ़ती सैन्य ताकत पर चिंता जाहिर

नई दिल्ली:

अमेरिका और चीन के बीच मतभेद की खाई बढ़ती जा रही है. अमेरिका ने चीन की बढ़ती सैन्य ताकत पर चिंता जाहिर करते हुए दुनिया के लिए एक खतरा बताया है. अमेरिका ने कहा कि चीन जो वामपंथी देश है वो दुनिया के लिए खतरा है. डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, 'निश्चित तौर पर चीन दुनिया के लिए इस मायने में खतरा है कि वे किसी की भी तुलना में बहुत तेजी से अपनी सेना बना रहे हैं और सच कहूं तो वे अमेरिकी पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं.'

चीन ने सेना पर होने वाले खर्च को सात प्रतिशत बढ़ा कर 152 अरब डॉलर कर लिया है और उसका लक्ष्य विवादित दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के बढ़ते दबाव से निपटना है.
ट्रंप के साथ इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि उनसे पहले के अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने चीन को हर साल 500 अरब डॉलर या उससे ज्यादा की राशि लेने की इजाजत दी.

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'उन्होंने (पूर्व राष्ट्रपतियों) चीन को हमारी बौद्धिक संपदा एवं संपत्ति अधिकारियों को चुराने की इजाजत दी और मैं ऐसा नहीं करने वाला हूं.'
एशियाई देशों में आर्थिक मंदी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे चीन बहुत बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. ट्रंप ने जोर देकर कहा कि इसने अमेरिका को प्रभावित नहीं किया है.

राष्ट्रपति के अनुसार दोनों देश एक व्यापार सौदे को अंजाम देने के काफी करीब थे. इस साल की शुरुआत में चीन के साथ व्यापार सौदे के अचानक समाप्त हो जाने का संदर्भ देते हुए उन्होंने आरोप लगाया, 'हमने बहुत करीब से काम किया, बौद्धिक संपदा से लेकर हर मुश्किल चीज पर चर्चा की गई और आखिरी क्षण में उन्होंने कहा कि वे इस पर सहमत नहीं हैं.'

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वहीं अमेरिकी दौरे पर पहुं‍चे ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने चीन पर अलग नजरिया पेश किया. मॉरीसन ने कहा, 'हमारी चीन के साथ समग्र राजनीतिक साझेदारी है. हमारे चीन के साथ अच्छे रिश्ते हैं. लेकिन जैसा कि हमने कई बार कहा है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जैसे-जैसे देश विकास करते हैं और अपनी क्षमताओं को पहचानते हैं, वे एक नए स्तर पर पहुंच जाते हैं और इसका अर्थ यह होता है कि उनके ऊपर कुछ खास नियम लागू होंगे.'

साल 2017 में व्हाइट हाउस में ट्रंप के आने के बाद विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा हुआ है.

(इनपुट एजेंसियां)