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भारत और चीन के संबंध शर्तों की मोहताज नही- चीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11 से 12 अक्टूबर के बीच भारत की यात्रा पर आए थे.

Updated on: 19 Oct 2019, 12:31 PM

highlights

  • भारत को इस मुद्दे पर मिला चीन का साथ. 
  • आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को मिला चीन का साथ. 
  • चीन के भारत में राजदूत ने कही ये बड़ी बात.

नई दिल्ली:

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chines President Xi Jinping) के भारत (India) दौरे के कुछ ही दिनों बाद चीन (China) के तरफ से भारत को लेकर बड़ा बयान आया है. भारत में चाइना के राजदूत (Chines ambassador to India) सन वेइदॉन्ग ने भारत के लिए बड़ी बात कही है. सन ने कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच संबंध द्विपक्षीय (Biletral relationship) दायरे से परे है और इसका महत्वपूर्ण और दूरगामी रणनीतिक महत्व है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत और चीन एक ही तरह की समस्या से जूझ रहे हैं. भारत और चीन दोनों ही आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़े हैं, साथ ही साथ विश्वपटल पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करने के लिए भी प्रतिबद्ध है. 

वेइदॉन्ग ने कहा कि अपनी मीटिंग के दौरान पीएम मोदी (PM Narendra Modi) और शी जिनपिंग (XI Jinping) ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की है. जिनमें कई वैश्विक मामले पर चर्चा की और दोनों देशों के मुद्दों पर गहराई से चर्चा की है. इसी के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर वार्ता की.

उन्होंने कहा कि चीन-भारत द्विपक्षीय दायरे से परे हैं और महत्वपूर्ण और दूरगामी रणनीतिक महत्व रखते हैं. दोनों देशों के बीच प्रमुख मुद्दों पर समय पर बातचीत होनी चाहिए, एक दूसरे के मूल हितों का सम्मान करना चाहिए, धीरे-धीरे आपसी समझ तक पहुंच कर, मतभेदों को विवादों को खत्म करना चाहिए.

चीनी राजदूत ने कहा कि चीन हमेशा से मानता है कि भारत और चीन को अपने सारे मतभेदों को खत्म करना चाहिए ताकि हमारे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हो सके.

चीनी राजदूत ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही देशों को एक दूसरे के महत्वपूर्ण मुद्दों को ध्यान देना चाहिए और उस पर वार्ता करनी चाहिए. साथ ही हमें पहले से ही ऐसी बातों का निवारण कर लेना चाहिए जिन पर विवाद संभव हों. ऐसा करने से भारत और चीन एक नई दिशा की ओर कदम रखेंगे.

बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11 से 12 अक्टूबर के बीच भारत की यात्रा पर आए थे. यहां चीन के राष्ट्रपति को पीएम नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के महाबलिपुरम में घुमाया था. इसी के साथ दोनों बड़े नेताओं ने दोनों देशों के बीच हो संबंधों को सुधारने के लिए बातचीत की.