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चीन पाकिस्तान को वो रडार नहीं देगा जिससे राफेल ढूंढा जा सकता है, जाने वजह

पाकिस्तान ने राफेल का मुकाबला करने के लिए चीन के सामने यह मांग रथी थी. इसके अलावा उसने चीन से JF-17 थंडर फाइटर जेट को भी अपग्रेड करने के लिए कहा था

Updated on: 12 Oct 2019, 08:31 AM

नई दिल्ली:

फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल के भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने से पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है. पहले अपाचे और अब राफेल के वायुसेना में शामिल होने से सेनी की लातक काफी गुना ज्यादा बढ़ गई है. इसी चीज से बौखलाए पाकिस्तान ने अब अपने दोस्त चीन के सामने अपग्रेडेड रडार और आधुनिक एयरक्राफ्ट की मांग रखी है. हालांकि चीन ने इसे देने से इंकार कर दिया है.

दरअसल पाकिस्तान ने राफेल का मुकाबला करने के लिए चीन के सामने यह मांग रथी थी. इसके अलावा उसने चीन से JF-17 थंडर फाइटर जेट को भी अपग्रेड करने के लिए कहा था. हालांकि पाकिस्तान के सबसे अच्छे दोस्त माने जाने वाले चीन ने इन मांगों को मानने से इंकार कर दिया है. लेकिन चीन की तरफ से इन मांगो को खारिज करने की क्या वजह हो सकती है, यह अहम सवाल है. तीन बिंदुओं में इस सावल के जवाबों को समझने की कोशिश करते हैं.

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पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था

पाकिस्तान इस वक्त किस कदर आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, यह बात किसी से नहीं छिपी. ऐसे में चीन को भी यही लगता है कि उसकी ऐसी स्थिति में उशळे क्रेडिट पर हथियार बेचना फायदेमंद नहीं होगा.

चीन को छवि खराब होने का डर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कश्मीर में आतंकियों के पास से मिल रहे चीनी ग्रेनेड और दूसरे चीनी हथियारों से भी चीन काफी नाराज है. इतना ही नहीं, अपनी इस नाजारगी को वो इमरान और बाजवा के सामने जाहिर कर चुका है. दरअसल चीन को लगता है कि आतंकियों के पास से बरामद हो रहे चीनी हथियारों से उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि खराब हो रही है. इसी के साथ दुनियाभर के सामने ये संदेश भी जा रहा है कि चीन कश्मीर में आतंकियों की मदद कर उन्हें बढ़ावा दे रहा है.

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चीन के लिए महत्वपूर्ण भारत

भारतीय बाजार चीन के लिए काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में चीन भारत को भी नाराज नहीं कर सकता.