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राष्ट्रपति शी ने कहा- कोरोना वायरस से चीन के विकास पर दीर्घकालिक असर नहीं, मृतक संख्या 2118 पहुंची

कोरोना वायरस के प्रकोप से चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने गुरुवार को अपने मित्र देश पाकिस्तान को आश्वासन दिया कि इस महामारी से चीन का दीर्घकालिक विकास प्रभावित नहीं होने वाला.

Updated on: 21 Feb 2020, 03:00 AM

बीजिंग:

कोरोना वायरस के प्रकोप से चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने गुरुवार को अपने मित्र देश पाकिस्तान को आश्वासन दिया कि इस महामारी से चीन का दीर्घकालिक विकास प्रभावित नहीं होने वाला. चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से मृतक संख्या 2118 पहुंच गयी है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के राष्ट्रपति शी के लिए आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आश्वासन देना असमान्य बात है जहां पाकिस्तान चीन के आर्थिक सहयोग के भरोसे है तो चीन खुद भी एक महीने से अधिक समय से संकट से जूझ रहा है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर भी पाकिस्तान को चीन से मदद की दरकार है.

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरने वाला सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव का हिस्सा है. डॉन अखबार की खबर के अनुसार शी ने पाकिस्तान-चीन आर्थिक साझेदारी को नये स्तर पर ले जाने की चीन की प्रतिबद्धता भी जताई और कहा कि सीपीईसी इसमें सबसे मजबूत कड़ी रहेगा. सरकारी सीजीटीएन टीवी ने कहा कि शी ने खान को कोरोना वायरस के खिलाफ चीन की लड़ाई में सकारात्मक प्रगति के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इसका चीन की अर्थव्यवस्था पर असर अस्थाई होगा.

उन्होंने संकल्प जताया कि देश कड़ी मेहनत के जरिये सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र में तय लक्ष्यों को अब भी हासिल कर लेगा. शी ने कहा कि चीन ने हमेशा पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को महत्व दिया है. खान ने चीन पर पाकिस्तान का भरोसा जताते हुए कहा कि उनका देश उसके साथ खड़ा रहेगा और उसकी मदद करेगा. चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से करीब एक महीने से अधिक समय से औद्योगिक गतिविधियां लगभग पूरी तरह रुक गयी हैं. इस बीच इस संक्रमण से इस देश में मृतक संख्या 2118 पहुंच गयी है. कोरोना वायरस से बुधवार को मौत के 114 नये मामले सामने आये.

चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इस संक्रमण के पुष्ट मामलों की संख्या 74,576 हो गयी है. देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने हालांकि कहा कि नये पुष्ट मामलों की संख्या 394 ही है और इस तरह इनमें दिसंबर से लेकर अब तक की तुलना में गिरावट आई है. इस बीच पाकिस्तान पर उसके देश के करीब 1000 लोगों और उनके परिजनों का दबाव बढ़ रहा है जो चीन में वायरस प्रभावित वुहान शहर और हुबेई प्रांत में अटके हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान अपने नागरिकों को क्यों नहीं निकाल पा रहा है जबकि भारत के साथ ही श्रीलंका तथा बांग्लादेश जैसे अन्य देशों ने अपने नागरिकों को निकाल लिया है.

पाकिस्तान के चार छात्र वायरस से संक्रमित हो गये थे और चीनी अधिकारियों के मुताबिक इनमें से तीन की हालत में सुधार हुआ है. चीन के एक अधिकारी ने कहा कि 29 विदेशी भी वायरस से संक्रमित हुए हैं लेकिन उन्होंने रोगियों की नागरिकता की जानकारी नहीं दी. इस बीच भारत करीब 100 भारतीयों को चीन से निकालने के लिए अपनी तीसरी उड़ान भेजने वाला है. अब तक भारतीय विमान 647 भारतीयों और मालदीव के सात नागरिकों को वुहान से निकालकर ला चुके हैं. डॉन की खबर के मुताबिक शी ने खान को आश्वासन दिया कि चीन में पाकिस्तान के छात्रों को वे अपना समझ रहे हैं और अधिकारी उनकी सुरक्षा, सेहत तथा कुशलता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.