दुनिया में कोरोना वायरस फैलाकर चीन ऐसे हो रहा है मालामाल, जानें इसका नया पैंतरा
वहीं चीन अब इस मौके को भुनाने में लग गया है. चीन ने ये घोषित कर दिया है कि उसका देश अब कोरोना मुक्त है. साथ ही वो अब इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने लगा है.
नई दिल्ली:
चीन (China) के वुहान से निकला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रहा है. दुनिया भर में लाखों जिंदगियां दांव पर लग गई है. वहीं अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है. वहीं चीन अब इस मौके को भुनाने में लग गया है. चीन ने ये घोषित कर दिया है कि उसका देश अब कोरोना मुक्त है. साथ ही वो अब इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने लगा है.
चीन कोरोना वायरस से बचाव के लिए कई देशों में मास्क निर्यात करके फायदा कमाने लगा है. इसके साथ ही वो ग्लबस भी बनाकर दूसरे देशों को बेच रहा है. दुनिया के कई मुल्क में कोरोना ने तबाही मचा रखी है. इसलिए मास्क समेत अन्य सुरक्षा उपकरणों की मांग बढ़ गई है.
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11 दिन में तैयार कर दी मास्क बनाने वाली फैक्ट्री
चीन में मौजूद कई कंपनियां इस पर काम शुरू कर चुकी है. ताकि वो मुनाफा कमा सके. गुआन शूंजे नामक कंपनी ने तो मात्र 11 दिन में मास्क बनाने वाल एक नई फैक्ट्री खड़ी कर दी है. उत्तर-पूर्वी चीन में 5 इकाइयां स्थापित करने वाली यह कंपनी अब व्यापक पैमाने पर एन-95 मास्क बना रही है, जिसकी दुनियाभर में भारी मांग है.
पूरे यूरोप में भेजे जा रहे हैं मास्क
इटली में ही चीन से ज्यादा मात्रा में मास्क भेजे जा रहे हैं. बिजनेस डाटा प्लेटफार्म तियानयंचा के मुताबिक, भारी मांग को देखते हुए इस साल के पहले 2 महीने के भीतर ही चीन में 8,950 कंपनियों ने मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है. प्रत्येक कंपनी 60,000 से 70,000 मास्क प्रतिदिन बना रही है. चीन के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस समय देश में 11.6 करोड़ मास्क का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है.
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इटली, स्पेन समेत कई यूरोपीय देश और दक्षिण कोरिया भी चीन से मास्क आयात कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक 10 लाख मास्क इटली को भेजे जा चुके हैं.
चीन ने मचाई दुनिया में तबाही
बता दें कि चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर से कोरोना वायरस शुरू हुआ था. अबतक 150 से ज्यादा दशों को अपनी चपेट में ले चुका है. जबकि 6 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. जबकि 25 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है. ऐसे में ये खुलासा हुआ है कि अगर चीन ने इस वायरस की शुरुआत के समय ही ज्यादा पारदर्शिता बरती होती तो कोरोना के कहर को काफी हद तक कम किया जा सकता था. अमेरिकी मैगजीन नेशनल रिव्यूम में छपे लेख के मुताबिक चीन ने कोरोना से जंग के लिए जरूरी आंकड़े दुनिया से छिपाकर रखे जिससे ये लड़ाई अब बहुत मुश्किल हो गई है.
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