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ब्रेक्ज़िट पर थेरेसा मे के सामने चुनौती, अविश्वास प्रस्ताव का करेंगी सामना

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे बुधवार को सत्तारूढ़ कजर्वेटिव पार्टी के सांसदों की तरफ से पेश एक अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगी.

Updated on: 12 Dec 2018, 05:45 PM

लंदन:

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे बुधवार को सत्तारूढ़ कजर्वेटिव पार्टी के सांसदों की तरफ से पेश एक अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगी. बीबीसी के मुताबिक, कंजर्वेटिव सांसद शाम छह बजे से आठ बजे के बीच अविश्वास प्रस्ताव पर मदान करेंगे. अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवश्यक 48 सांसदों के पत्र के बाद मे के सामने यह चुनौती खड़ी हुई है. मे को अपनी पार्टी द्वारा ब्रिक्सिट योजना को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. मे ने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के 2016 में अलग होने के लिए हुए मतदान के बाद प्रधानमंत्री का पद संभाला था.

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मे शाम को 8.30 बजे मीडिया को संबोधित करेंगी. अभी यह नहीं पता चला है कि गोपनीय मतदान का परिणाम कैसे जल्द से जल्द घोषित होगा. मे को इस अविश्वास प्रस्ताव को जीतने के लिए अपने पक्ष में बहुमत साबित करना होगा. थेरेसा में अगर अविश्वास प्रस्ताव जीतती है, तो उन्हें दूसरे साल चुनौती नहीं दिया जा सकेगा. अगर मे अविश्वास प्रस्ताव नहीं जीतती है, तो एक कजर्वेटिव नेतृत्व का चुनाव होगा, जिसमें मे भाग नहीं ले सकेंगी. हाउस ऑफ कामंस में कजर्वेटिव पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है, जो भी पार्टी का नेता होगा, उसी के प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद होगी.

आइए समझते हैं कि ब्रेक्ज़िट क्या है?

'ब्रेक्ज़िट' शब्द दो शब्दों 'ब्रिटेन' और 'एक्ज़िट' से मिलकर बना है. ब्रिटेन में इस मुद्दे को लेकर दो गुट बने हैं, एक गुट EU के समर्थक यानी कि यूरोपियन यूनियन के बने रहने में यक़ीन करते हैं. जिसे 'रीमेन' कहा जाता है. वहीं दूसरे गुट यूरोपियन यूनियन से अलग होने की बात करते हैं. इन्हें 'लीव' कहा जाता है.

यूरोपियन यूनियन से अलग होने वाले यानी कि 'लीव' गुट की दलील है कि ब्रिटेन की पहचान, आज़ादी और संस्कृति को बनाए और बचाए रखने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है. वहीं यह गुट ब्रिटेन में आने वाले प्रवासियों का भी विरोध करते हैं. उनका कहना है कि यूरोपियन यूनियन ब्रिटेन के करदाताओं के अरबों पाउंड सोख लेता है, और ब्रिटेन पर अपने 'अलोकतांत्रिक' कानून थोपता है.