आईसीजे में ब्रिटेन की हार एक 'अपमानजनक झटका': ब्रिटिश मीडिया
अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) की अंतिम सीट के लिए भारतीय उम्मीदवार दलवीर भंडारी को दोबारा जज चुने जाने पर ब्रिटेन की बौखलाहट देखने को मिल रही है।
नई दिल्ली:
अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) की अंतिम सीट के लिए भारतीय उम्मीदवार दलवीर भंडारी को दोबारा जज चुने जाने पर ब्रिटेन की बौखलाहट देखने को मिल रही है। ब्रिटिश मीडिया इसे ब्रिटेन के लिए 'अपमानजनक झटके' के रुप में पेश कर रहा है।
इस मामले पर भारत का कहना हैं कि इस कड़े मुकाबले का द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त दिनेश पटनायक ने कहा कि शुरुआत से ही भारत और ब्रिटेन एक दूसरे के संपर्क में थे जो दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, 'शुरु से ही ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय का एक वरिष्ठ प्रतिनिधि संपर्क में था और उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए कहा था कि ब्रिटेन और भारत समान कानून प्रणाली वाले दोस्त हैं. पूरी प्रक्रिया बहुत सौहार्द्रपूर्ण रही और इससे किसी भी तरह द्विपक्षीय संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा।'
सोमवार को न्यू यॉर्क में 11 वीं राउंड के मतदान के कुछ ही मिनट बाद, संयुक्त राष्ट्र को यूके मिशन द्वारा एक पत्र जारी किया गया था जिसमें घोषणा की गई थी कि सर क्रिस्टोफर ग्रीनवुड हार को स्वीकार करेंगे और अपने भारतीय प्रतिद्वंद्वी को संयुक्त राष्ट्र में रिक्ति भरने देंगे।
गार्डियन की एक रिपोर्ट में निराशा साफ़ जाहिर है , अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के 71 साल के इतिहास में पहली बार उसकी पीठ में ब्रिटेन का कोई न्यायाधीश नहीं होगा।
रिपोर्ट में लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में बढ़ते विरोध के सामने झुक जाने का फैसला ब्रिटिश अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के लिए अपमानजनक झटका है।
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ग्रीनवुड और भंडारी दोबारा चुनाव जीतने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन इस बार लेबनान के पूर्व राजदूत पांच स्लॉट्स छठे उम्मीदवार थे।
न्यूयॉर्क स्थित यूएन (यूनाइटेड नेशन) हेड क्वार्टर में हुए वोटिंग के दौरान दलवीर भंडारी को 193 सदस्यीय महासभा में 183 वोट मिला और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद में 15 वोट हासिल किए।
हेग स्थित आईसीजे में अब तक मुश्किल दिख रहा जज के लिए होने वाला ये चुनाव ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के नाम वापस लेने के बाद दलवीर भंडारी की लिए आसान हो गया था ।
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दलवीर लगातार दूसरी बार इस पद के लिए चुने गए हैं। इससे पहले भारत सरकार ने जनवरी-2012 में दलवीर को आईसीजे कि लिए उम्मीदवार बनाया था। तब वह फिलिपींस के फ्लोरेंटिनो फेलिसियानो को हराकर आईसीजे के जज के तौर पर नियुक्त हुए।
प्रतिष्ठित वकीलों के परिवार को आने वाले दलवीर भंडारी का जन्म एक अक्टूबर 1947 को हुआ था और वह सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज रह चुके हैं।
राजस्थान हाई कोर्ट से 1968 से वकालत का सफरनामा शुरू करने वाले दलवीर 1991 में दिल्ली हाई कोर्ट में जज बने। दलवीर 25 जुलाई 2004 को बॉम्बे हाई कोर्ट और फिर 20 अक्टूबर 2005 में सुप्रीम कोर्ट में जज बने।
पाकिस्तान की जेल में बंद और फांसी की सजा पा चुके कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई वाली पीठ में दलवीर भी शामिल रहे।
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