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ब्रेग्जिट: ब्रिटेन ने EU को कहा अलविदा, पीएम बोरिस बोले- अंत नहीं नए युग की शुरुआत

ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन (EU) से अलग होने वाला पहला देश बन गया है. कंजरवेटिव पार्टी के नेता जॉनसन पिछले साल ब्रेग्जिट यानि ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने की कवायद को आखिरी मुकाम तक पहुंचाने के संकल्प के साथ देश के प्रधानमंत्री बने थे.

Updated on: 01 Feb 2020, 07:54 AM

highlights

  • शनिवार सुबह 4.30 बजे ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन (ईयू) से अलग हो गया के अलग होने की हुई घोषणा
  • ब्रिटेन ईयू से अलग होने वाला बना पहला देश, ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के बीच करीब 47 साल तक संबंध रहे
  • ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन बोले नए युग की हुई शुरूआत, बताया देश के लिए फायदा

लंदन:

करीब 47 सालों तक यूरोपीय यूनियन में शामिल रहा ब्रिटेन अब इससे अलग होने वाला पहला देश बन गया है. शनिवार सुबह 4.30 बजे इसकी यूरोपियन यूनियन से अलग होने की घोषणा हुई. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसका स्वागत करते हुए नए युग की शुरूआत बताया. ब्रेग्जिट से अलग होने को लेकर ब्रिटेन में करीब साढ़े तीन साल तक जनमत संग्रह किया गया.

ब्रेग्जिट मुद्दे पर ही बोरिस जॉनसन बने थे पीएम
ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी के नेता बोरिस जॉनसन पिछले साल ब्रेग्जिट यानि ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने की कवायद को आखिरी मुकाम तक पहुंचाने के संकल्प के साथ देश के प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने बेग्जिट से ब्रिटेन के अलग होने को लेकर चुनावी कैंपेन चलाया. इसको आम लोगों का साथ मिला. यही कारण था कि ब्रिटेन की जनता ने इसे हाथों हाथ लिया और उन्हें प्रधानमंत्री के पद पर पहुंचा दिया. ब्रेग्जिट से अलग होने की घोषणा के बाद बोरिस जॉनसन ने इसे देश की नई शुरूआत के लिए ऐतिहासिक पल बताया है.

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साल 1973 में ब्रिटेन हुआ था शामिल
ब्रिटेन 1973 में यूरोपियन यूनियन में शामिल हुआ था. करीब 47 साल तक ईयू का हिस्सा रहने के बाद वह ईयू से अलग हो गया. अब ईयू 27 देशों वाला समूह होगा. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ईयू से अलग होने के फैसले से पहले मंत्रिमंडल के साथ लम्बी चर्चा की.

ब्रेग्जिट क्या है?
ब्रेग्जिट का मतलब है ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से अलग होना. दरअसल यूरोपीय यूनियन 28 देशों का संगठन था जो ब्रिटेन के अलग होने के बाद अब 27 देशों वाला संगठन रह गया है. इन देशों के लोग आपस में किसी भी मुल्क में आ-जा सकते थे और काम कर सकते हैं. इस वजह से ये देश आपस में मुक्त व्यापार कर सकते हैं. ब्रिटेन में 23 जून, 2016 को आम जनता से वोटिंग के जरिए पूछा गया कि क्या ब्रिटेन को ईयू में रहना चाहिए, उस वक्त 52 फीसदी वोट ईयू से निकल जाने के लिए मिले.