आजादी मार्च: डेडलाइन खत्म होते ही इमरान खान के खिलाफ उठेगा ये खतरनाक कदम
पाकिस्तान की राजधानी इन दिनों आजादी मार्च के हजारों प्रदर्शनकारियों की भीड़ का गवाह बन रही है.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान की राजधानी इन दिनों आजादी मार्च के हजारों प्रदर्शनकारियों की भीड़ का गवाह बन रही है. इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मौलाना फजलुर रहमान जहां पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के इस्तीफे, देश में नया चुनाव और एनआरओ (नेशनल रेकन्सिलिएशन आर्डिनेंस) पर अड़े हैं, वहीं सरकार ने इन मांगों को खारिज कर दिया है. इस बीच मौलाना ने इमरान सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया था, जो आज रात खत्म हो जाएगा और देखना है कि प्रदर्शनकारी क्या कदम उठाते हैं.
इस बीच इमरान सरकार ने कहा कि इन मांगों पर विचार का कोई सवाल ही नहीं उठता है. आजादी मार्च के नेताओं के साथ वार्ता करने वाले रक्षा मंत्री परवेज खटक ने कहा कि वे भड़काऊ भाषण दे रहे हैं और बगावत को उकसा रहे हैं. मौलाना ने इमरान सरकार को दो दिन अल्टीमेटम देने के दौरान चेताया था कि अगर इमरान खान इस्तीफा नहीं देते तो उनके समर्थक पीएम आवास पर धावा बोल देंगे.
सरकार को इस बात की चिंता है कि प्रदर्शनकारी वीआईपी जोन में न प्रवेश कर जाएं, जहां प्रमुख सरकारी ऑफिस और दूतावास आदि हैं. इस बीच सरकार ने कहा है कि प्रदर्शनकारी अगर रेड जोन में प्रवेश करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पाकिस्तान सरकार ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और प्रधानमंत्री इमरान खान और सरकारी संस्थानों के खिलाफ 'लोगों को भड़काने' के लिए विद्रोह का मामला दर्ज करने का फैसला किया है.
रक्षामंत्री खटक ने कहा कि आजादी मार्च को लेकर सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है, लेकिन विपक्षी नेताओं द्वारा 'राष्ट्रीय संस्थानों को अपमानित' करने वाले भाषण दुर्भाग्यपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि देश के लिए बलिदान देने वाली संस्थाओं के खिलाफ भाषण 'देश के साथ दुश्मनी' के समान होगा. खटक ने स्पष्ट रूप से कहा कि इमरान खान इस्तीफा नहीं देंगे और सरकार विपक्ष की धमकियों और दबाव की रणनीति के आगे नहीं झुकेगी. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्षी दलों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन इस्लामाबाद प्रशासन के साथ किए गए समझौते का उल्लंघन होने पर कानून अपना काम करेगा.
उधर, फजलुर रहमान ने कहा, "हम स्थिति और नहीं बिगाड़ना चाहते हैं. नौ महीनों में 1.5 करोड़ लोगों का मार्च यह बताने के लिए काफी है कि हम कितने संगठित रहे हैं और आंदोलनकारियों ने कैसे कानून-व्यवस्था कायम की." रहमान ने आर्थिक नीतियों के कारण भी सरकार की कड़ी आलोचना की और मौजूदा सरकार को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने पहले साल में ही पिछले 70 सालों की सरकारों द्वारा लिए गए इकट्ठे ऋण से ज्यादा ऋण ले लिया.
उन्होंने कहा कि इमरान की सरकार के दौरान मंहगाई बढ़ गई. उन्होंने कहा, पाकिस्तान में गरीब जनता अपने बच्चों के लिए राशन तक खरीदने में असमर्थ है. जेयूआई-एफ प्रमुख ने कहा कि मौजूदा सरकार का समय खत्म हो गया है और अब 'हम इस देश को चलाएंगे. पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को हटाने के लिए जेयूआई-एफ द्वारा शुरू किया गया आजादी मार्च 31 अक्टूबर की रात इस्लामाबाद पहुंचा था.
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