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टेरर फंडिंग में सजा के बाद अमेरिका ने 26/11 के लिए भी हाफिज सईद को जिम्मेदार ठहराया

पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) की बरसी से पहले अमेरिका ने एक बार फिर मोस्‍ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद (Hafeez Saeed) को 26/11 मुंबई हमले (26/11 Mumbai Terror Attack) के लिए जिम्‍मेदार माना है.

Updated on: 14 Feb 2020, 09:01 AM

नई दिल्‍ली:

पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) की बरसी से पहले अमेरिका ने एक बार फिर मोस्‍ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद (Hafeez Saeed) को 26/11 मुंबई हमले (26/11 Mumbai Terror Attack) के लिए जिम्‍मेदार माना है. इस हमले में 166 निर्दोष लोग मारे गए थे. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा- हम लगातार हाफिज सईद को 26/11 को हुए मुंबई में आतंकी हमले के लिए जिम्‍मेदार मानते रहे हैं, जिसमें 6 अमेरिकी लोगों सहित 166 लोगों की जान चली गई थी. प्रवक्‍ता ने यह भी बताया कि मुंबई के अलावा हाफिज सईद कई आतंकी हमलों के लिए जिम्‍मेदार है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के दो मामलों में सुनाई गई सजा पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त कर रहे थे.

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प्रवक्‍ता ने कहा, 'लश्कर ए-तैयबा की जवाबदेही तय करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. दक्षिण एशिया में शांति और स्‍थिरता के लिए खतरा बने हाफिज सईद को हुई सजा से क्षेत्र में आतंक के खिलाफ ऑपरेशन में कामयाबी मिली है. हम पाकिस्‍तान से उम्‍मीद करते हैं कि जो कोई भी आतंकी घटना के लिए जिम्‍मेदार है, टेरर फंडिंग करता है और आतंकवादियों का पक्ष लेता है, उसके खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई की जाए.' 

पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत ने टेरर फंडिंग के लिए धन मुहैया कराने के दो मामलों में हाफिज सईद को बुधवार को साढ़े पांच साल-साढ़े पांच साल कैद और दोनों मामलों में 15-15 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी. दोनों मामलों में सजा साथ साथ चलेंगी.

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प्रवक्‍ता ने कहा, 'आज हाफिज और उसके साथियों को दोषी ठहराया जाना, लश्कर ए-तैयबा की उसके अपराधों के लिए जवाबदेही तय करने और पाकिस्तान की आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने की अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि यह देश के भविष्य के हित में है कि वह अपनी सरजमीं का इस्तेमाल देश विरोधी तत्वों को नहीं करने दें.'

सईद के खिलाफ लाहौर और गुजरांवाला शहर में मुकदमा दर्ज किया गया था. सईद के संगठन जमात उद-दावा के बारे में माना जाता है कि वह लश्कर ए-तैयबा का सहायक संगठन है, जिसने 2008 में 26/11 को मुंबई में आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था.