logo-image

दलाई लामा के देश छोड़कर जाने के 60 वर्ष पूरे होने पर, चीन ने तिब्बत पर अपनी नीतियों का किया बचाव

नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा बोले तिब्बतियों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता और स्वायत्तता चाहते हैं

Updated on: 11 Mar 2019, 07:33 AM

बीजिंग:

आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के चीन छोड़ने के 60 वर्ष पूरे होने के मौके पर बीजिंग ने एक बार फिर तिब्बत पर अपनी नीतियों का बचाव किया है. आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने एक लेख में इस दिन का सीधा जिक्र किए बिना कहा कि आर्थिक विकास, जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और बेहतर शिक्षा आलोचकों के दावों का खंडन करती है. तिब्बत पर चीनी सुरक्षा व्यवस्था के तहत शासन किया जाता है. विदेश में रहने वाले कई तिब्बतियों का कहना है कि बीजिंग अपने फायदे के लिए हिमालय क्षेत्र के संसाधनों का दुरुपयोग करता है और साथ ही तिब्बत की अनूठी बौद्ध संस्कृति भी नष्ट हो रही है.

ये भी पढ़ें - Lok Sabha Elections 2019: Voter list में आपका नाम है या नहीं, जानें मोबाइल से कैसे करें चेक

शिन्हुआ ने कहा, ‘निर्विवाद तथ्य एवं आंकड़े’ विकास से संबंधित बार-बार बोले गए झूठों और आरोपों को खारिज करते हैं जिसका उद्देश्य तिब्बत के मानवाधिकारों को घटिया लक्ष्यों के साथ कलंकित करना है." इस लेख में रविवार को दलाई लामा के चीन छोड़ने के 60 वर्ष पूरे होने के मौके का जिक्र नहीं किया गया. 1959 की घटनाओं का जिक्र करने के बजाय "लोकतांत्रिक सुधार" के बारे में बात की गई.

ये भी पढ़ें - Lok Sabha Elections 2019 : अशोक गहलोत का गढ़ रहे जोधपुर में 29 अप्रैल को पड़ेंगे वोट, क्या वापसी कर पाएगी कांग्रेस?

गौरतलब है कि चीन दलाई लामा को एक अलगाववादी बताता है जो तिब्बत को चीन से अलग करना चाहते हैं, लेकिन 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए गए दलाई लामा का कहना है कि वह तिब्बतियों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता और स्वायत्तता समेत अधिक अधिकार चाहते हैं.