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शी जिनपिंग ने किया बीआरआई योजना का बचाव, पाकिस्तान ने चीन के तारीफ में पढ़े कसीदे

BRI जिनपिंग की सबसे पसंदीदा परियोजना है, लेकिन भारत-चीन संबंधों के नज़रिये से यह परियोजना एक बड़ी बाधा बनी हुई है।

Updated on: 11 Apr 2018, 12:01 AM

नई दिल्ली:

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड (BRI) का बचाव करते हुए कहा कि इसे लेकर चीन का कोई भू-राजनैतिक आकलन नहीं है और यह परियोजना पूरी दुनिया को फायदा पहुंचाएगी।

बता दें कि BRI जिनपिंग की सबसे पसंदीदा परियोजना है, लेकिन भारत-चीन संबंधों के नज़रिये से यह परियोजना एक बड़ी बाधा बनी हुई है। इससे पहले 50 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद बना हुआ है।

चीन के बोआओ शहर में बोआओ फोरम फॉर एशिया (BFA) को संबोधित करते हुए जिनपिंग ने कहा कि BRI चीन का विचार हो सकता है लेकिन इससे पैदा होने वाले अवसर और इसके परिणामों का फायदा विश्व को होगा।

उन्होंने कहा , 'इस परियोजना को लेकर चीन का कोई भू-राजनैतिक आकलन नहीं है। वह कोई प्रतिरोधी बाधा नहीं बना रहा है और न ही अन्य देशों पर कोई कारोबारी समझौता थोप रहा है।'

जिनपिंग ने यह बात उन अटकलों पर स्पष्टीकरण देते हुए कही, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि चीन BRI के तहत बंदरगाह, सड़क और रेल संपर्क परियोजनाओं पर अरबों डॉलर इसलिए निवेश कर रहा है कि चीन के प्रभाव को बढ़ाया जा सके।

BRI का लक्ष्य एशियाई देशों, अफ्रीका, चीन और यूरोप के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करना है। वहीं भारत ने CPEC के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से इसके गुजरने पर एतराज जताया है और इसी के चलते उसने पिछले साल चीन द्वारा आयोजित बेल्ड एंड रोड फोरम का बहिष्कार किया था।

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BFA की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी भी शामिल हुए।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाकिब खाकान अब्बासी ने BFA की बैठक में चीन समर्थित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को गेम चेंजर बताते हुए परियोजना की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि BRI और CPEC प्रोजेक्ट से बींजिंग और इस्लामाबाद के बीच के संबंधों में बड़ा बदलाव होगा।

इतना ही नहीं BRI वैश्विक परियोजना है इसलिए लोगों को भी इसका फ़ायदा मिलेगा। इससे लोगों को अच्छी सड़क, पावर लाइन और अन्य ज़रूरी सुविधाएं हासिल होगी।

उन्होंने कहा कि CPEC व्यापक आर्थिक सहयोग लिहाज से दोनों देशों के दृष्टिकोण को दर्शाता है। पाकिस्तान के लिए यह गेंम चेंजर साबित होगा।

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क्या है CPEC?

बता दें कि ओबोर (वन बेल्ट वन रोड) चीन का अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसको चीन प्राचीन सिल्क रूट की तर्ज पर विकसित कर रहा है। इस रूट के जरिए चीन मध्य एशिया से लेकर यूरोप और फिर अफ्रीका तक स्थलीय व समुद्री मार्ग तैयार करने में जुटा है।

चीन की ओर से इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य व्यापार को बढ़ावा देने का बताया जा रहा है। ओबोर के ही अंतर्गत चीन पाकिस्तान में CPEC को विकसित कर रहा है। इसके लिए चीन ने पाकिस्तान को 46 हजार करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद मुहैया कराई है।

CPEC में चीन ग्वादर पोर्ट से एक मार्ग पाकिस्तान के भीतर होकर अपने सीमा तक लेकर जाएगा। चीन के इस प्रोजेक्ट को लेकर भारत की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है, क्योंकि ग्वादर पोर्ट से शुरू होने वाला यह मार्ग पाकिस्तान के भीतर और फिर पीओके जिसको भारत अपना हिस्सा बताता है, से होते हुए चीन पहुंचेगा।

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