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भारत के साथ 2+2 मीटिंग गहराती रणनीतिक साझेदारी का एक संकेत : अमेरिका

ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि अगले सप्ताह नई दिल्ली में होने वाली पहली भारत-अमेरिका 2+2 मीटिंग दोनों देशों के बीच मजबूत होती रणनीतिक साझेदारी का संकेत है।

Updated on: 30 Aug 2018, 09:43 PM

वाशिंगटन:

ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि अगले सप्ताह 6 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाली पहली भारत-अमेरिका 2+2 मीटिंग दोनों देशों के बीच मजबूत होती रणनीतिक साझेदारी का संकेत है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस 2+2 मीटिंग के लिए नई दिल्ली जाएंगे। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने बुधवार को कहा था कि दोनों मंत्री अपने भारतीय समकक्षों विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलेंगे।

वे लोग महत्वपूर्ण राजनयिक और सुरक्षा प्राथमिकताओं पर भारत के साथ अमेरिका की भागीदारी बढ़ाने को लेकर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, 'वार्ता हमारे दोनों देशों के बीच गहन रणनीतिक साझेदारी और क्षेत्र में ठोस सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत के उदय का संकेत है।'

नोर्ट ने कहा कि अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी का महत्व अमेरिकी राष्ट्रपति की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति और दक्षिण एशिया एवं भारत-प्रशांत रणनीतियों में उजागर किया गया है। उन्होंने कहा, 'हम इसे लेकर आशान्वित हैं और आपमें से कुछ लोग हमारे साथ यात्रा करेंगे।'

बता दें कि अगले सप्ताह दोनों देशों के बीच प्रस्तावित टू प्लस टू डायलॉग से पहले भारत और अमेरिका के बीच दो दिनों की सैन्य सहयोग मीटिंग हो चुकी है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ 2+2 मीटिंग में हिस्सा लेंगी। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा और रणनीतिक संबंधों में मजबूती पर केंद्रित दोनों देशों के बीच यह अपने तरह की पहली वार्ता होगी।

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इससे पहले इस मीटिंग को जुलाई महीने में टाल दिया गया था। रक्षा मंत्री सीतारमण ने कहा था कि, 'अमेरिका के साथ 'टू प्लस टू' वार्ता सितंबर के पहले हफ्ते में होगी। इसका एजेंडा रणनीतिक रक्षा सहयोग को मजबूत और विकसित करना और अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मेट्टिस के साथ बैठक के नतीजों को पालन करना है।'