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डोनाल्ड ट्रंप की उत्तर कोरिया को चेतावनी, कोई भी तानाशाह अमेरिका को कम न आंके

ट्रंप का यह पहला जापान दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों और मिसाइल परीक्षणों को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है।

Updated on: 05 Nov 2017, 07:51 PM

highlights

  • ट्रंप ने कहा कि सरकारों को समृद्धि और शांति का मार्ग अपनाना चाहिए
  • ट्रंप सोमवार को जापान के सम्राट अकीहितो और साम्राज्ञी मिचिको से मिलेंगे
  • इससे पहले जॉर्ज बुश ने 1991 के अंत में और 1992 की शुरुआत में एशियाई देशों का सिलसिलेवार दौरा किया था

नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि किसी भी तानाशाह को अमेरिका को कम नहीं आंकना चाहिए। ट्रंप पांच एशियाई देशों के दौरे के तहत रविवार को टोक्यो पहुंचे।

द गार्जियन ने ट्रंप के हवाले से बताया, 'किसी भी तानाशाह को, किसी भी सरकार को अमेरिका के संकल्प को कमतर नहीं आंकना चाहिए।'

ट्रंप जैसे ही रविवार तड़के टोक्यो के योकोटा सैन्यअड्डे पर उतरे, उन्होंने जवानों का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने कहा, 'आप उन तानाशाहों के लिए सबसे बड़ी चुनौती हो, जो निर्दोष लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।'

ट्रंप ने कहा कि सरकारों को समृद्धि और शांति का मार्ग अपनाना चाहिए।

ट्रंप ने कहा, 'किसी भी देश को अमेरिकी संकल्प को कमतर नहीं आंकना चाहिए। हर किसी ने पूर्व में हमें कमतर आंका है। यह उनके लिए अच्छा नहीं रहा, क्या रहा? हम हमारे लोगों की, हमारी आजादी और हमारे ध्वज की रक्षा के लिए कभी झुकेंगे नहीं।'

ट्रंप का यह पहला जापान दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों और मिसाइल परीक्षणों को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है।

उत्तर कोरिया ने जापान के हवाई क्षेत्र के ऊपर से दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं और प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम परीक्षण की धमकी दी थी।

ट्रंप ने कहा, 'अमेरिकी फौजें हमेशा जीतती हैं। यह अमेरिकी सेना की विरासत है, आजादी और न्याय के लिए इस सेना को पूरी दुनिया में जाना जाता है।'

सीएनएन के मुताबिक, एयरफोर्स वन विमान रविवार को स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग 10.37 बजे टोक्यो में अमेरिका के नियंत्रण वाले योकोटा वायुसेना अड्डे पर उतरा, जहां जापान में अमेरिका के राजदूत विलियम हैगर्टी और जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया का स्वागत किया।

ट्रंप ने यहां मौजूद सैनिकों को बहादुर योद्धा कहा जो अमेरिका और जापान के सामने मौजूद खतरों के खिलाफ अंतिम ढाल हैं।

ट्रंप ने जवानों से कहा, 'आसमान पर हमारा वर्चस्व है। समुद्र पर हमारा वर्चस्व है। जमीन और अंतरिक्ष पर हमारा वर्चस्व है। आप शांति चाहने वाले सभी लोगों में उम्मीद जगाते हैं।'

जापान के सरकारी प्रसारक एनएचके के मुताबिक, ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे रविवार को देश के शीर्ष गोल्फर हिदेकी मात्सुयामा के साथ सैटामा में कासुमिगासेकी कंट्री क्लब में गोल्फ खेलेंगे।

इसके बाद दोनों नेता और उनकी पत्नियां रात्रिभोज में शामिल होंगी।

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ट्रंप सोमवार को जापान के सम्राट अकीहितो और साम्राज्ञी मिचिको से मिलेंगे। वह आबे के साथ भी वार्ता करेंगे और 1970 और 1980 के दशक में उत्तर कोरिया के एजेंटों द्वारा अगवा किए गए जापान के नागरिकों के परिवारों से भी मुलाकात करेंगे।

इसके बाद ट्रंप और आबे एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

इस दौरान ट्रंप और आबे उत्तर कोरिया के परमाणु एवं मिसाइल हमले के खतरों पर भी चर्चा कर सकते हैं और संयुक्त रूप से चीन और अन्य देशों से उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने का आग्रह भी कर सकते हैं।

आर्थिक मोर्चे पर दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन सकती है। साथ ही विदेशी बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की जाएगी।

ट्रंप जापान दौरे के बाद सात नवंबर को दक्षिण कोरिया जाएंगे, जहां वह अमेरिकी सैन्य शिविर हम्फ्रेज का भी दौरा करेंगे, लेकिन वह उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच सीमा पर पुख्ता सुरक्षा वाले विसैन्यीकृत क्षेत्र (डीएमजेड) का दौरा नहीं करेंगे।

बीबीसी के मुताबिक, ट्रंप दक्षिण कोरिया के बाद आठ नवंबर को चीन जाएंगे, जहां वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।

ट्रंप 10 से 11 नवंबर तक वियतनाम दौरे पर होंगे। इस दौरान वह डानांग में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग सम्मेलन में शिरकत करेंगे और हनोई का भी दौरा करेंगे।

इसके बाद ट्रंप 12 से 13 नवंबर के बीच फिलीपींस की राजधानी मनीला में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के सम्मेलन में शामिल होंगे।

इससे पहले अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने 1991 के अंत में और 1992 की शुरुआत में एशियाई देशों का सिलसिलेवार दौरा किया था।

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