यरुशलम को राजधानी बनाने पर विवाद के बीच अमेरिका ने दूतावास बनाने की घोषणा की
इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस घोषणा पर धन्यवाद देते हुए कहा कि अमेरिका हमारा सबसे पुराना मित्र है। उन्होंने पेंस के इस फ़ैसले को ऐतिहासिक करार दिया है।
नई दिल्ली:
इज़रायल द्वारा यरुशलम को राजधानी घोषित किए जाने और उसके बाद 6 दिसम्बर को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मान्यता के बाद अब यरुशलम में अमेरिकी दूतावास बनाने की योजना है।
सोमवार को इज़रायल दौरे पर पहुंचे अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने इस बात की घोषणा करते हुए बताया कि अगले साल से यरुशलम में अमेरिकी दूतावास बनाने का काम शुरू हो जाएगा।
पेंस ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि ये इज़रायल के लिए सम्मान की बात होगी। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि दूतावास बनाने से पहले इसको लेकर एक चर्चा भी होगी।
इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस घोषणा पर धन्यवाद देते हुए कहा कि अमेरिका हमारा सबसे पुराना मित्र है। उन्होंने पेंस के इस फ़ैसले को ऐतिहासिक करार दिया है।
बता दें कि 1967 के बाद से ही यरुशलम को लेकर फिलिस्तीन और इजरायल के बीच विवाद है। इज़रायल ने 1967 में युद्ध के बाद यरूशलम पर कब्ज़ा कर लिया था। लेकिन दुनियाभर के मुस्लिम देशों के विरोध के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस कब्ज़े को अब तक मान्यता नहीं दी है।
वहीं दिसंबर-2017 में अमेरिका ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी घोषित कर दिया। इसके साथ ही अमेरिकी दूतावास को भी इजरायल के शहर तेल अवीव से यरुशलम ले जाने का आदेश दिया था।
ट्रंप के इस फैसले का भारत समेत दुनिया के सभी देशों ने विरोध किया। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सभा में अमेरिका के फ़ैसले को ख़ारिज़ करने के लिए एक प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें अमेरिका के समर्थन में केवल 9 वोट पड़े थे जबकि विरोध में 128 वोट।
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