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अमेरिका की पाक को दो टूक, कहा- आतंकी संगठनों के खिलाफ उठाये ठोस कदम

आतंकवाद पर अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सैन्य मदद पर भी रोक लगा दी है।

Updated on: 09 Jan 2018, 11:00 AM

नई दिल्ली:

आतंकवाद पर अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सैन्य मदद पर भी रोक लगा दी है

सख्त रवैया अपनाते हुए अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कदम उठाये

अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान अपनी धरती पर पल रहे तालिबान और हक़्क़ानी नेटवर्क के खिलाफ ठोस कदम उठाये। साथ ही कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए अमेरिका पाक के साथ काम करने के लिए तैयार है

पेंटागन में आर्मी के प्रेस सचिव कर्नल रोब मैनिंग ने कहा, 'हमारी आशाएं साफ हैं, तालिबान और हक़्क़ानी नेतृत्व और दूसरे आतंकी संगठन को पाकिस्तानी धरती पर किसी तरह का सुरक्षित स्थान न मिले और न ही वो किसी तरह की आतंकी कार्रवाई कर सकें।'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को "विशिष्ट और ठोस कदम" बताये है ताकि वह आतंकवादी नेटवर्क को खत्म कर सके।'

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान को दो श्रेणियों में मिलने वाली मदद प्रभावित होगी। पहली है विदेशी सैन्य आर्थिक मदद (एफएमएफ) जिसके जरिए अमेरिकी सैन्य साजोसामान की खरीद, ट्रेनिंग और सर्विस के लिए धन मुहैया कराया जाता है। दूसरी गठबंधन सहयोग राशि (सीएसएफ), जिसमें पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में होने वाले खर्च का भुगतान किया जाता है।

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अमेरिका ने  पाकिस्तान को 90 करोड़ डॉलर की मदद पर भी रोक लगा दी है

अमेरिकी सरकार का कहना है कि अगर पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो फिलहल रोक गई मदद जारी की सकती है

आपको बता दें कि नए साल के पहले दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए आतंक को पनाह देने वाला देश बताया और उसे दी जाने वाली करीब 2 अरब डॉलर की सुरक्षा मदद पर रोक लगा दी।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने 1 जनवरी को यह ऐलान करते हुए ट्वीट किया था कि पाकिस्तान ने अमेरिका को बीते 15 सालों से करीब 33 अरब अमेरिकी डॉलर की सैन्य मदद के बदले में सिर्फ झूठ और धोखा ही दिया है और आंतकियों के लिए पाकिस्तान को सुरक्षित पनाहगार बनाया हुआ है।

अमेरिका और अन्य देशों की शिकायत रही है कि पाकिस्तान अफगान, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क समेत उनके संगठनों के लिए सुरक्षित जगह बना हुआ है जो कि उन्हें अफगानिस्तान से सीमा पार हमले करने में मदद करता है।

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