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सुषमा स्वराज ने वियतनाम में क्यों कहा, आपकी मदद सिर्फ एक ट्वीट भर दूर

सुषमा स्वराज ने भारत और वियतनाम के बीच व्यापार और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की।

Updated on: 27 Aug 2018, 08:10 PM

हनोई:

वियतनाम और कंबोडिया की चार दिवसीय यात्रा पर गईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को हनोई में विश्व भर में भारतीय दूतावासों के प्रयासों की सराहना की। वियतनाम में स्वामी विवेकानंद कल्चरल सेंटर में सुषमा स्वराज ने कहा कि, 'अगर कोई अनिवासी भारतीय (NRI) विश्व में कहीं भी फंसते हैं तो वे विश्वस्त होते हैं कि उनकी सरकार उन्हें बचा लेगी। मदद (उपाय) सिर्फ ट्वीट भर दूर है। जो दूतावासों में कभी प्राथमिकता में नहीं थी वह अब पहली प्राथमिकता है।' बता दें सुषमा स्वराज ट्विटर के जरिये विदेशों फंसे लोगों की अक्सर मदद करती आई हैं।

स्थिति में सुधार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, 'आज, वे भरोसा करते हैं कि भारतीय पासपोर्ट उनका सुरक्षा कवच है। प्रधानमंत्री ने विदेशों में रहने वाले भारतीयों को गर्व महसूस कराया है और विदेश मंत्रालय ने उन्हें भरोसा दिलाया है।'

सुषमा स्वराज ने भारत और वियतनाम के बीच व्यापार और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, '2016 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम का दौरा किया था तो भारत और वियतनाम के संबंधों में एक आधार रखा गया था। उसके बाद दोनों देशों के बीच कई उच्च स्तरीय बैठकें हुई।'

स्वराज ने वियतनाम में रह रहे भारतीय प्रवासियों को भारत आने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा, 'भारत सिर्फ बदला नहीं है बल्कि पूरी तरह से बदल गया है। आज भारत के पास पूरे अवसर हैं और हम चाहते हैं कि इन अवसरों के लाभ का उपयोग किया जाए।'

उन्होंने कहा, 'मेक इन इंडिया कार्यक्रम सिर्फ भारत में लोगों को सामान उत्पादन के लिए निमंत्रण नहीं देती है बल्कि आप उन सामानों का निर्यात कर सकते हैं। भारत में स्वच्छ भारत, स्टार्ट-अप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसे कई महत्वपूर्ण योजनाएं हैं।'

इससे पहले भी बहरीन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा था कि 'जब मैं विश्व में कहीं भी भारतीय प्रवासियों से मिलता हूं, मैं उनका पासपोर्ट देखता हूं। उनका धर्म, समुदाय, या राज्य मेरे लिए महत्व नहीं रखता है। अगर आपके पास भारतीय पासपोर्ट है तो विश्व के किसी भी कोने में यह आपके लिए कवच का काम करेगा।'

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दिन में विदेश मंत्री ने वियतनाम की राजधानी हनोई स्थित भारतीय दूतावास में महात्मा गांधी की एक आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा, 'राष्ट्रपिता के लिए सम्मान प्रकट करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हनोई स्थित भारतीय दूतावास की चांसरी बिल्डिंग में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया।'

सुषमा स्वराज की इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के साथ भारत के रणनीतिक सहयोग को मजबूत करना है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) में वियतनाम और कंबोडिया अहम सदस्य हैं।

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रविवार को विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था, 'यह दौरा एक व्यापक वैश्विक, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर राजनीतिक नेतृत्व के साथ गहन चर्चा करने और इन देशों के साथ तथा आसियान के साथ हमारे रणनीतिक आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने का एक मौका प्रदान करेगा।'

आसियान-भारत क्षेत्र की संयुक्त आबादी 1.85 अरब है, जो वैश्विक आबादी का एक-चौथाई है, और इसका जीडीपी हिस्सेदारी 38 खरब डॉलर है।