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बांग्लादेश में 'मोरा' तूफ़ान से 6 लोगों की मौत, 50,000 से ज़्यादा घर तबाह

लाख़ों लोगों को प्रभावित इलाक़े से निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है।

Updated on: 31 May 2017, 12:40 PM

नई दिल्ली:

'मोरा' तूफ़ान की वजह से बांगलादेश में कम से कम 6 लोग मारे जा चुके हैं। डबकि 50 हज़ार से ज़्यादा घर तबाह हो गए हैं। बताया जा रहा है कि ज्यादातर लोगों की मौत पेड़ गिरने से हुई है।

वहीं लाख़ों लोगों को प्रभावित इलाक़े से निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है।

पुलिस ने कहा कि भोला जिले में एक बच्चे की मौत हुई, जबकि रंगामती कस्बे में चक्रवात की वजह से पेड़ गिरने से एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई।

शक्तिशाली तूफान के मद्देनजर अधिकारियों ने पहले ही सर्वोच्च स्तर का अलर्ट जारी कर दिया था। बांग्लादेश के मौसम विभाग ने कहा कि तूफान ने कॉक्स बाजार मछली बंदरगाह के पास कुतुबदिया में सुबह करीब 6 बजे दस्तक दी।

तूफान के मद्देनजर पहले ही करीब 300,000 लोगों को 10 तटीय जिलों से हटाया जा चुका है। बीडीन्यूज24 की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉक्स बाजार जिले में पेड़ गिरने से दो लोगों की मौत हो गई।

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मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात पहले से कमजोर हो चुका है, लेकिन कॉक्स बाजार और चटगांव में तेज हवा एवं भारी बारिश जारी रहेगी।

मछुआरों को समुद्र की तरफ नहीं जाने की सलाह दी गई है। चटगांव के शाह अमानत अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को आने व जाने वाली सभी उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया है।

कॉक्स बाजार जिला प्रशासन ने कहा कि करीब 538 आश्रयस्थलों को 500,000 से ज्यादा लोगों को पनाह देने के लिए तैयार किया गया है।

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देश के आपदा प्रबंधन विभाग के कार्यवाहक निदेशक अबू सैयद मोहम्मद हाशिम ने बताया कि कुल 88 चिकित्सीय इकाइयों, 6,010 स्थानीय स्वयंसेवियों और स्थानीय रेड क्रेसेंट के 15,000 स्वयंसेवियों को चौकस किया गया है, जबकि 19 तटीय जिलों में करीब 50,000 से ज्यादा स्वंयसेवी कार्यकर्ताओं को तैयार रखा गया है।

आपदा एवं राहत प्रबंधन मंत्रालय ने 24 घंटे नियंत्रण कक्षों की स्थापना की है। देश के 19 तटीय जिलों में 1.8 करोड़ लोग रहते हैं जिनमें से 10 तटीय क्षेत्र अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में हैं।

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