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क्वीन एलिजाबेथ की शान उन पर पड़ रही भारी, जानें क्या है वजह

यह ताज बेशकीमती है। इसमें कोहिनूर और टर्किश हीरे जड़े हुए हैं। 2800 से ज्यादा बेशकीमती हीरे-जवाहरात, सोने और प्लेटिनम से बना यह ताज द ग्रेट ब्रिटेन की ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक है।

Updated on: 13 Jan 2018, 02:39 PM

नई दिल्ली:

जिस ताज की ख्वाहिश में दुनिया के कई साम्राज्य बने और बिगड़े, वो ताज किसी की गर्दन पर भारी पड़ने लगे तो क्या कहेंगे? पिछले 65 साल से द ग्रेट ब्रिटेन की राजशाही का प्रतीक क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने कुछ ऐसा ही कहा है। आइये जानते हैं कि आखिर ताज से महारानी को क्या परेशानी हो रही है।

बता दें कि यह ताज बेशकीमती है। इसमें कोहिनूर और टर्किश हीरे जड़े हुए हैं। 2800 से ज्यादा बेशकीमती हीरे-जवाहरात, सोने और प्लेटिनम से बना यह ताज द ग्रेट ब्रिटेन की ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक है।

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65 साल पहले हुई थी ताजपोशी

ताज करीब 65 साल पहले ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के सिर पर सजाया गया था। तब से लेकर आज तक यह सिर्फ महारानी एलिजाबेथ के सिर ही संवरा है, लेकिन 91 साल की उम्र में महारानी को यह ताज परेशान कर रहा है।

ताज के कारण होती है परेशानी

एक टीवी इंटरव्यू में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने खुद यह कहा है कि ताज का वजन उनकी गर्दन पर भारी पड़ता है। उनका कहना है कि 'आप स्पीच पढ़ने के लिए नीचे नहीं देख सकते हैं। आपको स्पीच उठा कर पढ़नी पड़ेगी, क्योंकि अगर आप गर्दन झुकाते हैं तो गर्दन टूट जाएगी। ताज गिर जाएगा। इसलिए ताजों की कुछ खामियां भी हैं। वैसे यह काफी अहम चीज है।'

बेशकीमती है ये ताज

महारानी एलिजाबेथ जिस ताज की बात कर रही हैं, उसे इम्पीरियल स्टेट क्राउन भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल एलिजाबेथ अभी भी खास मौकों पर किया करती हैं। वैसे ब्रिटिश राजघराने में दो ताज हैं, जिनमें एक हीरे, प्लेटिनम और सोने का बना हुआ है। इसमें 2800 हीरे जड़े हुए हैं। सबसे बड़ा 105 कैरेट यानी करीब 21 ग्राम का हीरा भी इसमें मौजूद है।

ताज में लगा भारत का कोहिनूर

ताज के फ्रंट क्रॉस के बीच में कोहिनूर हीरा है, जो 1851 में भारत से ले जाया गया था। इसके अलावा 17 कैरेट का 3.4 ग्राम का टर्किश डायमंड भी इस ताज में लगा हुआ है।

ब्रिटिश राजघराने की परंपरा और प्रतीकों के बारे में बातचीत करते हुए क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे के समारोह को भी परेशानी भरा बताया।

एलिजाबेथ ने कहा कि धीरे-धीरे चलने वाले घोड़ों के सोने वाले रथ में चमड़े की सीट पर जाना दुश्कर होता है। इतना ही नहीं क्वीन एलिजाबेथ अपनी रेशमी ड्रेस को लेकर भी परेशानी महसूस करती हैं, जो सोने-चांदी के धागों से बुनी और मोतियों जड़ी हुई है। एक इंटरव्यू के दौरान एलिजाबेथ ने बताया कि एक बार वो इस ड्रेस को पहनकर चल भी नहीं पा रही थीं। 

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