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पाकिस्तान के नेता अल्ताफ हुसैन ने कहा, पुलवामा हमला बनेगा युद्ध का कारण

पाक द्वारा CRPF के काफिले पर आत्मघाती आतंकी हमला को अंजाम देने पर हुसैन ने पाक-स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की निंदा की साथ ही हुसैन ने आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के शोकाकुल परिवार के लिए सांत्वना व्यक्त की.

Updated on: 16 Feb 2019, 11:19 PM

नई दिल्ली:

मुत्तहिदा कौमी आंदोलन (MQM) के नेता अल्ताफ हुसैन ने शनिवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर कहा कि यह हमला पाक और भारत को आग में झोंकने का काम करेगा. पाक द्वारा CRPF के काफिले पर आत्मघाती आतंकी हमला को अंजाम देने पर हुसैन ने पाक-स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की निंदा की साथ ही हुसैन ने आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के शोकाकुल परिवार के लिए सांत्वना व्यक्त की. अल्ताफ हुसैन ने कहा कि यह जानी हुई बात है कि JEM संगठन पाकिस्तान में ही जन्मा है और आतंक फैलाने के लिए पूरे विश्व में पाकिस्तान से ही ऑपरेट होता है. उन्होंने कहा कि इस संगठन का हेडक्वार्टर पाकिस्तान में ही है.

हुसैन ने हमला करने वाले आतंकी के वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि वीडियो में दिख रहे आतंकी ने यह सिद्ध कर दिया कि JEM साधारण आतंकी नहीं बल्कि वह घिनौने आइएसआई से ट्रेंड है.

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जब अलताफ हुसैन ने की थी पीएम नरेंद्र मोदी से गुजारिश

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- पाकिस्तान के मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के नेता अलताफ हुसैन ने कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की थी कि उन्हें कराची में मुहाजिरों या शरणार्थियों के अधिकारों के पक्ष में बोलना चाहिए. लंदन में निर्वासन में रह रहे पाकिस्तानी नेता ने कहा कि भारत बलूचिस्तान के लोगों पर पाकिस्तानी सेना की नृशंसता को लेकर मुखर है, लेकिन पीएम मोदी उन लोगों के पक्ष में आवाज नहीं उठा पाए जो सदियों तक भारत में रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों ने एक बड़ी भूल की कि वे पाकिस्तान चले गए. हम यहां पैदा हुए लेकिन हमें कभी भी पाकिस्तानी या माटी के लाल नहीं माना गया.

2015 में हो चुकी है 81 साल जेल की सजा 

पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के प्रमुख अल्ताफ हुसैन को राष्ट्र विरोधी भाषण देने तथा हिंसा भड़काने के मामले में 81 साल जेल की सजा सुनाई थी. गिलगित शहर में आतंकवाद विरोधी न्यायाधीश राजा शाहबाज खान ने 1992 से लंदन में रह रहे हुसैन को 81 साल जेल की सजा सुनाई तथा उन पर 24 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया था. न्यायाधीश ने सिंध के पुलिस महानिरीक्षक को आदेश दिया कि वह अदालत के हुक्म की तामील करें, क्योंकि 62-वर्षीय हुसैन कराची के निवासी हैं. अदालत ने प्रशासन को यह भी आदेश दिया कि एमक्यूएम प्रमुख की संपत्तियां जब्त की जाएं और उनकी नीलामी की जाए. उन्होंने जुलाई महीने में नाटो और संयुक्त राष्ट्र से कहा था कि वे कराची में सेना भेजें. पकिस्तान के अलग-अलग शहरों में एमक्यूएम प्रमुख के खिलाफ राष्ट्रद्रोह, हिंसा भड़काने और शासन तथा सशस्त्र सेनाओं के खिलाफ तकरीर करने के आरोपों में दर्जनों मामले दर्ज हैं.