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अमेरिकी खुफिया प्रमुख हैकिंग जांच को सार्वजनिक करें: प्रीबस

राइनस प्रीबस ने फॉक्स न्यूज से कहा, "यह पक्का है, यह सब कहें तो अच्छा रहेगा। यदि यह सभी खुफिया एजेंसियों की पक्की राय है तो उन्हें एक रिपोर्ट जारी करनी चाहिए।"

Updated on: 19 Dec 2016, 09:50 PM

वाशिंगटन:

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीफ ऑफ स्टाफ ने आठ नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव परिणामों के रूसी हैकिंग से प्रभावित होने के निष्कर्ष को लेकर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के निष्कर्ष पर संदेह जताया है। मीडिया की खबरों में सोमवार को यह बात कही गई।

यह बहुत आरोप लगता रहा है कि ट्रंप के हिलेरी क्लिंटन को हराने में मदद करने के प्रयास में डेमोक्रेटिक पार्टी के ईमेल हैक होने के लिए रूस जिम्मेदार है।

राइनस प्रीबस ने फॉक्स न्यूज से कहा, "यह पक्का है, यह सब कहें तो अच्छा रहेगा। यदि यह सभी खुफिया एजेंसियों की पक्की राय है तो उन्हें एक रिपोर्ट जारी करनी चाहिए या कैमरे के समक्ष खड़े होकर कहना चाहिए और एक मामला दर्ज करना चाहिए।" प्रीबस अभी रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (आएनसी) के अध्यक्ष हैं।

रूसी हैकिंग की बात सही है, क्या करने पर ट्रंप स्वीकार करेंगे? इसके जवाब में प्रीबस ने कहा, "यदि इन खुफिया एजेंसियों के पेशेवर एकजुट हो जाएं और एक रिपोर्ट पेश करें, अमेरिकी जनता को दिखाएं कि उन सबकी वास्तव में एक ही राय है तो ट्रंप इसे स्वीकार कर लेंगे।"

प्रीबस ने फॉक्स न्यूज से कहा कि यह विरोध वाशिंगटन पोस्ट जैसे तीसरे पक्षों का है जिसे ट्रंप ने मानने से इनकार कर दिया है।

इस बीच सीआईए के निदेशक जॉन ब्रेनन ने एक शुक्रवार को एजेंसी के कर्मचारियों को एक पत्र भेजा है कि एफबीआई के निदेशक जेम्म कामे और नेशनल इंटेलीजेंस के निदेशक जेम्स क्लैपर रूसी हैकिंग को लेकर सीआईए के निष्कर्ष से सहमत हैं।

लेकिन प्रीबस का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों को अपने निष्कर्षो को सार्वजनिक तौर पर बचाव करना चाहिए। फॉक्स न्यूज के साक्षात्कार पर सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में ऐसा कहा है।