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पोप फ्रांसिस ने G-20 से बन रहे 'खतरनाक गठबंधन' पर चिंता जाहिर की, प्रवासियों को लेकर उठाए सवाल

पोप फ्रांसिस ने कहा कि उन्हें जर्मनी में चल रहा जी-20 समिट 'चिंतित' करता है, क्योंकि विश्व नेताओं के बीच 'बहुत खतरनाक गठबंधन' बन रहा है, खासकर प्रवासियों को लेकर उनके खतरनाक निष्कर्ष चिंतित करने वाले हैं।

Updated on: 08 Jul 2017, 05:45 PM

नई दिल्ली:

पोप फ्रांसिस ने कहा कि उन्हें जर्मनी में चल रहा जी-20 समिट 'चिंतित' करता है। पोप ने कहा कि विश्व नेताओं के बीच 'बहुत खतरनाक गठबंधन' बन रहा है और खासकर प्रवासियों पर इसका खतरनाक प्रभाव चिंतित करने वाला हैं।

इटली के अखबार 'ला रिपब्लिका' के साथ इंटरव्यू में पोप ने कहा, 'मैं उन ताकतों के खतरनाक गठबंधन से चिंतित हूं, जिनके पास दुनिया को लेकर बिगड़ी हुई दृष्टि है। अमेरिका और रूस, चीन और उत्तर कोरिया, सारिया में युद्ध और ऊपर से रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और सीरिया के बशर अल अशद, जैसी तमाम समीकरणों और नेताओं को लेकर चिंता व्यक्त की है।

पोप ने कहा, 'सबसे खतरनाक चिंता प्रवासियों को लेकर है। आज विश्व में हमारे मुख्य और दुर्भाग्यपूर्ण विकास की समस्याएं, गरीबों, कमजोरों और प्रवासियों की है। उन्होंने कहा कि जी-20 इसलिए मुझे चिन्तित करती है, यह मुख्यत: प्रवासियों को प्रभावित कर रही हैं।'

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यूरोप के बारे में चिंता जताते हुए कहा, 'दुनिया का सबसे धनी महादेश, 2015 से सैकड़ों -हजारों की संख्या में प्रवासियों और शरणार्थियों की समस्याओं का सामना कर चुका है।' उनके नेताओं को चेताया कि वे गलतफहमी का शिकार न बनें कि अपने बॉर्डर को सील करना संभव है।

शुक्रवार को फ्रांसिस ने जी-20 के नेताओं पर दवाब डालते हुए विस्तृत और सतत वैश्विक आर्थिक विकास की ओर ज्यादा काम करने को कहा है। इसके अलावा युद्ध क्षेत्र और अकाल के जाल में फंसे लगभग 3 करोड़ लोगों (विशेषकर अफ्रीका और यमन में) के दुर्दशा को उन्होंने उजागर किया और उन पर चिंता जाहिर की।

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