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राजनीतिक उठापटक के बीच श्रीलंका में संसद सस्‍पेंड, एक दिन पहले बदले जा चुके हैं प्रधानमंत्री

श्रीलंका के राष्‍ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने शनिवार को दोपहर बाद संसद को सस्‍पेंड कर दिया. इससे एक दिन पहले देर रात को बदले हुए घटनाक्रम में राष्‍ट्रपति ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रसिंघे को बर्खास्‍त कर पूर्व राष्‍ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी. 2015 के चुनाव में मैत्रीपाला सिरीसेना ने तमाम दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. इस चुनाव में महिंदा राजपक्षे को हार का सामना करना पड़ा था और राष्ट्रपति पद छोड़नी पड़ी थी.

Updated on: 27 Oct 2018, 02:05 PM

नई दिल्ली:

श्रीलंका के राष्‍ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने शनिवार को दोपहर बाद संसद को सस्‍पेंड कर दिया. इससे एक दिन पहले देर रात को बदले हुए घटनाक्रम में राष्‍ट्रपति ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रसिंघे को बर्खास्‍त कर पूर्व राष्‍ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी. 2015 के चुनाव में मैत्रीपाला सिरीसेना ने तमाम दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. इस चुनाव में महिंदा राजपक्षे को हार का सामना करना पड़ा था और राष्ट्रपति पद छोड़नी पड़ी थी.

गौरतलब है कि सितंबर में महिंदा राजपक्षे भारत के दौरे पर आए थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. भारत दौरे के दौरान बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की अगुवाई में विराट हिन्दुस्तान संगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने भाषण भी दिया था.

पैदा हो सकता है संवैधानिक संकट
विश्लेषकों के अनुसार, राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाने से देश में संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है. वहां के जानकारों का कहना है कि संविधान में 19वां संशोधन बहुमत के बिना विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से हटाने की अनुमति नहीं देगा. राजपक्षे और सिरिसेना के पास कुल 95 सीटें हैं और बहुमत से पीछे हैं. विक्रमसिंघे की पार्टी के पास अपनी खुद की 106 सीटें हैं और बहुमत से केवल सात कम हैं.