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पानामा गेट मामाला: नवाज़ शरीफ़ की याचिका पर 12 सितंबर को SC में होगी सुनवाई

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की पुनर्विचार संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 12 सितंबर को सुनवाई होगी।

Updated on: 09 Sep 2017, 05:10 AM

नई दिल्ली:

पानामा गेट मामाले में दोषी करार दिए गए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की पुनर्विचार संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 12 सितंबर को सुनवाई होगी।

इससे पहले नवाज़ शरीफ़ और उनके बच्चों ने उस फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी जिसमे पूर्व पीएम को दोषी करार देते हुए पीएम पद से बर्ख़ास्त करने का आदेश जारी किया था।

एजाज़ अफ़जल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जजों की पीठ वित्त मंत्री इशाक़ डार द्वारा दायर की गई याचिका पर भी सुनवाई करेगी। 

शरीफ ने इमरान खान, शेख रशीद और सिराजुल हक की तरफ से दायर याचिका के जवाब में तीन अपील दायर की है। शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

शरीफ की अपील की सुनवाई वहीं बेंच करेगी, जिसने 28 जुलाई को नवाज शरीफ को दोषी करार दिया था। याचिका में कहा गया है कि पनामागेट की जांच कर रहे जेआईटी ने कई अहम तथ्यों को नजरअंदाज किया।

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पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ समेत परिवार के लोगों और वित्त मंत्री इशाक़ डार को भी दोषी करार दिया है।

इससे पहले कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए नवाज को इस मामले में अयोग्य करार दिया। मामले की सुनवाई पांच जजों की बेंच कर रही थी। पांचो जजों ने एक मत से नवाज को अयोग्य करार घोषित किया।

जस्टिस एजाज हसन, जस्टिस एजाज अफजल, जस्टिस सईद शेख, जस्टिस आसिफ सईद खोसा और जस्टिस गुलजार अहमद की पांच सदस्यीय जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया कि शरीफ संसद और अदालत के प्रति ईमानदार नहीं रहे और वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ मामले दर्ज करने के भी आदेश दिए। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पीठ ने शरीफ को जीवन भर के लिए अयोग्य करार दिया है।

कार्यान्वयन पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान ने कहा कि संयुक्त जांच दल (जेआईटी) द्वारा एकत्रित सभी सबूतों को छह सप्ताह के भीतर एक जवाबदेही अदालत के पास भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि मरियम नवाज (शरीफ की बेटी), कप्तान मुहम्मद सफदर (मरियम के पति), हसन और हुसैन नवाज (प्रधानमंत्री शरीफ के बेटों) के साथ-साथ प्रधानमंत्री शरीफ के खिलाफ मामलों पर कार्रवाई होनी चाहिए और 30 दिनों के भीतर कोई फैसला सुनाया जाएगा।

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