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ट्रंप के भारतीय झुकाव को लेकर पाकिस्तान चिंतित

डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद पाकिस्तान इस बात को लेकर चिंतित नजर आ रहा है कि आने वाले दिनों में उसे रणनीतिक तौर पर अलगाव का सामना करना पड़ सकता है।

Updated on: 10 Nov 2016, 04:56 PM

New Delhi:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत के पक्ष में आने की आशंका को लेकर पाकिस्तान चिंतित नजर आ रहा है। पाकिस्तान इस बात को लेकर चिंतित नजर आ रहा है कि आने वाले दिनों में उसे रणनीतिक तौर पर अलगाव का सामना करना पड़ सकता है। 

पाकिस्तान अभी तक अमेरिका का रणनीतिक रूप से साथी रहा है लेकिन पिछले कुछ महीनों के दौरान आतंकवाद को संरक्षण दिए जाने के आरोप लगने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है। हालांकि पाकिस्तान आतंकवाद को संरक्षण दिए जाने के आरोप से इनकार करता रहा है।

विश्लेषकों के मुताबिक भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और अमेरिका के भारत को तरजीह दिए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में नए सिरे से तनाव बढ़ सकता है। अमेरिका और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों में उस वक्त तनाव और बढ़ गया जब अमेरिका ने एक ड्रोन हमले में अफगान तालिबान के एक नेता को मार गिराया।

वहीं दूसरी तरफ भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तें बिगड़े हैं। ट्रंप का मुस्लिम विरोधी बयान और भारत के साथ बेहतर कारोबारी रिश्तों की बात किए जाने के बाद कई पाकिस्तानियों को लगता है कि ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिकी नीति भारत की तरफ झुक सकती है।

डॉन में छपी खबर के मुताबिक लाहौर के विदेश नीति के विशेषज्ञ हसन असकरी रिजवी ने कहा, 'अमेरिका जाहिर तौर पर पाकिस्तान को नहीं छोड़ेगा लेकिन ट्रंप पाकिस्तान के लिए हिलेरी क्लिंटन के मुकाबले ज्यादा कठोर राष्ट्रपति साबित होंगे।'

रिजवी ने कहा, 'मुझे लगता है कि अमेरिका के साथ पाकिस्तान के मुकाबले भारत के रिश्ते ज्यादा बेहतर होंगे।' ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही थी।

ट्रंप ने अभी तक दक्षिण एशिया को लेकर अपनी नीति साफ नहीं की है लेकिन उन्होंने हाल ही में कश्मीर विवाद को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी।

ट्रंप की जीत के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन्हें बधाई देते हुए कहा था, 'आपका चुना जाना अमेरिकी लोगों और लोकतंत्र, आजादी और मानवाधिकार में लोगों की आस्था का प्रतीक है।' हालांकि इसके बावजूद ट्रंप की जीत ने पाकिस्तान में इस बात की आशंका बढ़ा दी है कि चीन के करीब होने की वजह से उन्हें अमेरिकी अलगाव का सामना करना पड़ सकता है।