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नवाज शरीफ विश्व बैंक के सीईओ से मिले, सिंधु जल समझौते पर हुई चर्चा

पाकिस्तान ने पनबिजली योजनाओं पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि दोनों परियोजनाओं से चेनाब तथा नीलम नदी के प्रवाह पर असर पड़ेगा।

Updated on: 26 Jan 2017, 09:50 PM

highlights

  • भारत चेनाब नदी पर दो पनबिजली परियोजनाओं का कर रहा है निर्माण
  • परियोजना से चेनाब तथा नीलम नदी के प्रवाह पर असर पड़ेगाः पाकिस्तान

नई दिल्ली:

विश्व बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) क्रिस्टालिना जॉर्जिविया ने सिंधु जल समझौते को लेकर भारत पाकिस्तान के बीच जारी विवाद को लेकर पाकिस्तान के प्रधनमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की।

भारत चेनाब नदी पर दो पनबिजली परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है। पाकिस्तान ने पनबिजली योजनाओं पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि दोनों परियोजनाओं से चेनाब तथा नीलम नदी के प्रवाह पर असर पड़ेगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई है कि विश्व बैंक कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन के जरिये विवाद का निपटारा करेगा।

दोनों देशों ने सिंधु जल समझौते के तहत विश्व बैंक में अलग-अलग प्रक्रियाएं शुरू की हैं। भारत ने विश्व बैंक से एक तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति का अनुरोध किया है, तो वहीं पाकिस्तान ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन के अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग की है।

विश्व बैंक ने भारत द्वारा बनाए जा रहे बांध के मुद्दे पर दिसंबर महीने में इस्लामाबाद तथा नई दिल्ली के बीच मध्यस्थता को रोकने की घोषणा करते हुए कहा था कि दोनों देशों को मतभेदों के निपटारे के लिए वैकल्पिक तरीकों पर विचार करना चाहिए।

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प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में जॉर्जिविया ने कहा कि उन्होंने साल 2011 में पाकिस्तान का दौरा किया था और देश में तब से लेकर अब तक आए सकारात्मक बदलाव से वह बेहद प्रभावित हैं।

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पाकिस्तान के बुनियादी ढांचे में सुधार को देखकर उन्हें प्रसन्नता हुई। उन्होंने कहा, "विकास का लाभ उन लोगों पर केंद्रित है, जिन्हें इसकी सर्वाधिक जरूरत है।"

(आईएएनएस इनपुट के साथ)