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राजनीतिक संकट के मुहाने पर पाकिस्तान, नवाज की पार्टी ने कहा नहीं मानेंगे JIT की रिपोर्ट

पाकिस्तान एक बार फिर से राजनीतिक संकट की तरफ बढ़ रहा है। विदेश में जमा काले धन को लेकर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ जांच कर रही संयुक्त जांच दल (जेआईटी) की रिपोर्ट को उनकी पार्टी पीएमएल-एन ने नहीं मानने की धमकी दी है।

Updated on: 09 Jul 2017, 03:00 PM

highlights

  • पाकिस्तान एक बार फिर से राजनीतिक संकट की तरफ बढ़ रहा है
  • नवाज की पार्टी पीएमएल-एन ने JIT की रिपोर्ट नहीं मानने के संकेत दिए हैं

नई दिल्ली:

पाकिस्तान एक बार फिर से राजनीतिक संकट की तरफ बढ़ रहा है। विदेश में जमा काले धन को लेकर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ जांच कर रही संयुक्त जांच दल (जेआईटी) की रिपोर्ट को उनकी पार्टी पीएमएल-एन ने नहीं मानने की धमकी दी है।

जेआईटी की रिपोर्ट में अगर नवाज शरीफ को दोषी पाया जाता तो उनके लिए कुर्सी पर बने रहना मुश्किल होगा।

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने मई महीने में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार वालों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच करने के लिए जेआईटी का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट 10 जुलाई को आने की उम्मीद की जा रही है। समिति प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ उनके परिवारवालों से पूछताछ कर चुकी है।

पाकिस्तानी मुस्लिम लीग (नवाज) ने कहा कि अगर जेआईटी की रिपोर्ट में कतर के प्रधानमंत्री हमाद बिन जसीम अल थानी के बयान को शामिल नहीं किया गया तो वह इसकी रिपोर्ट को नहीं मानेंगे।

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, रेलवे मंत्री ख्वाजा साद रफीक, पेट्रोलियम मंत्री शाहिद खाकन अब्बासी और प्लानिंग एंड डिवेलपमेंट मिनिस्टर अहसान इकबाल ने कहा, 'कतर के प्रिंस के बयान के बिना जेआईटी की रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं होगा और हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।'

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अल थानी ने सुप्रीम कोर्ट को लिखी चिट्ठी में बताया था कि नवाज शरीफ के दिवंगत पिता मुहम्मद शरीफ ने शाही परिवार के रियल एस्टेट के बिजनेस में 1.2 करोड़ दिरहम का निवेश किया था।

चिट्ठी के मुताबिक दिवंगत शरीफ की तरफ से लगाया गया पैसा मुनाफे के बाद शरीफ के परिवार को लौटा दिया गया। शरीफ का कहना है कि उन्होंने इसी पैसे से लंदन की संपत्ति खरीदी। हालांकि विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि शरीफ ने प्रधानमंत्री रहने के दौरान गलत तरीके से संपत्ति बनाई और इसकी मददे से लंदन की संपत्ति खरीदी गई।

जेआईटी बनने के बाद पहली बार पीएमएल-एन ने इसकी रिपोर्ट को नहीं मानने का संकेत दिया है। पार्टी के इस बयान के बाद देश के फिर से अस्थिर होने की आशंका गहराने लगी है। 

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राजनीतिक अस्थिरता की आशंका की वजह से पाकिस्तान के शेयर बाजार में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। निवेशकों ने पिछले कुछ दिनों के दौरान जबरदस्त बिकवाली की है।

शरीफ के प्रतिद्वंद्वी इमरान खान पहले ही कह चुके हैं कि अगर सरकार जांच को दिशा से भटकाने की कोशिश करती है, तो उसके खिलाफ वह सड़कों पर उतरेंगे। 

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